भारत और चीन के जवानों के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान चीन को लेकर सैनिकों के परिजनों से लेकर आम लोगों में आक्रोश दिखा।पटना के शहीद सुनील कुमार का गुरुवार की सुबह सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके 10 वर्षीय बेटे आयुष ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। पैतृक गांव बिहटा के तारानगर से मनेर स्थित गंगा घाट तक अंतिम यात्रा निकली। इस दौरान लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

अंतिम यात्रा से पहले शहीद सुनील कुमार की पत्नी रीति कुमारी चीन से बदला लेने और चीनी सामानों के बहिष्कार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार चीन से मेरे पति की शहादत का बदला ले। लोग चीन के सामानों का बहिष्कार करें। चीन सीमा पर हमारे सैनिकों को मौत के घाट उतार रहा और फिर पैसे कमाने के लिए यहां सामान बेच रहा है। भारत में किसी भी तरह का चीनी उत्पाद नहीं बिकना चाहिए।

अंतिम यात्रा के दौरान सुनील भईया अमर रहे, भारत माता की जय और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगे। बता दें कि सुनील साल 2002 में सेना में शामिल हुए थे। सुनील के पिता का नाम बासुदेव साव और मां का नाम रुक्मिणी देवी है। साल  2004 में उनकी शादी रीति कुमारी से हुई। सुनील के तीन बच्चे हैं। 10 साल का आयुष, 5 साल का विराट और एक 12 वर्षीय बेटी  सोनाली है।

पंजाब के पटियाला के नायब सूबेदार मनदीप सिंह की शहादत पर उनके परिजनों ने कहा कि  उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ। बिहार के समस्तीपुर के सुल्तानपुर निवासी अमन कुमार की शहादत पर उनके पिता ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व करने का क्षण है जरूरत पड़ी तो दूसरे बेटे को भी सेना में भेजेंगे।