सीमा पर चीन के साथ झड़प मेंं भारत ने एक अफसर सहित अपने तीन जांबाज खो दिए हैं। 15 जून की रात गलवान घाटी के पास दोनों देशों के सैनिकों में भीषण झड़प के बाद यह शहादत हुई। चीन से लगती सीमा पर इस तरह की घटना दशकों में पहली बार हुई है, जब हमने अपने सैनिक खोए हैं। इस घटना के बाद जहां सोशल मीडिया पर लोग नरेंद्र मोदी सरकार को कोसने लगे हैं, वहीं कई विशेषज्ञ भी भारत की अपेक्षाकृत कमजोर सैन्‍य तैयारियों के लिए सरकारों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

सुरक्षा विशेषज्ञ भरत कर्नाड ने एनडीटीवी से बातचीत में इस स्‍थिति के लिए भारत की कमजोर तैयारी को जिम्‍मेदार ठहराया। उन्‍होंने कहा-  भारत डिप्‍लोमैसी और बातचीत पर निर्भर हैं, चीन ताकत बढ़ा रहा है सुरक्षा विशेषज्ञ भरत कर्नाड ने कहा है कि भारत ने सैन्‍य तैयारी पूरी नहीं की है। चीन तकनीकी व सामरिक रूप से काफी तैयार है। भारत कूटनीति और बातचीत पर ज्‍यादा निर्भर रह रहा है। रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल  का कहना है कि भारत युद्ध नहीं चाहता है इसलिए  कूटनीतिक तरीकों पर बल दे रहा है। लेकिन चीन को यह समझना चाहिए कि भारत अब  पहले वाला भारत नहीं है।

नॉर्दर्न कमान के पूर्व जीओसी ले. ज. डीएस हूडा ने कहा- इस बार जो हुआ है, वह अब तक हुई घटनाओं से कहीं ज्‍यादा गंभीर है। इसके बावजूद कूटनीतिक स्‍तर से  ही समस्‍या का स्‍थायी समाधान संभव है। इसका मतलब यह नहीं है कि सैन्‍य स्‍तर पर समस्‍या का समाधान नहीं हो सकता। लेकिन, जो स्‍थिति है उसमें मजबूत कूटनीतिक पहल ज्‍यादा कारगर हो सकता है। चीन के इस आक्रामक रुख के बावजूद अभी यह कहना जल्‍दबाजी होगी कि ड्रैगन सीमा पर नया एलएसी बनाना चाहता है।

India China Border Dispute Live Updates

चीन के भारत की तरफ से पहले घुसपैठ के आरोप पर पूर्व सैन्य अधिकारी एके सिवाच ने कहा कि चीन यहां विक्टिम कार्ड खेल रहा है। जबतक भारतीय सेना यह कन्फर्म कर देती है कि चीन को कितना नुकसान हुआ है तब तक चीन की बातों का विश्वास नहीं करना चाहिए। रक्षा विशेषज्ञ  जी जे सिंह ने कहा कि जब दो मुल्क बराबर होते हैं तो कूटनीतिक तरीकों से ही रास्ता निकलता है। भारत अब पहले वाला भारत नहीं है 1962 के मुकाबले भारत अब काफी मजबूत है। दोनों देश की सेना बराबर है।

बता दें कि चीन ने आरोप लगाया है कि भारत की तरफ से पहले घुसपैठ की गई और पांच चीनी सैनिक शहीद हो गए हैं और 11 जवान जख्मी हो गए हैं। एलएसी पर तनाव के बाद  भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे की पठानकोट सैन्य स्टेशन की यात्रा रद्द कर दी गई है। रक्षा मंत्री ने सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख संग बैठक की है।