भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनातनी के बीच ड्रैगन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा। एक तरफ वह शांति की बात पर बल देता है, तो दूसरी ओर अपनी ही बात के खिलाफ काम करता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने लद्दाख के गलवान इलाके में 423 मीटर भीतर तक भारतीय इलाके में कर ली घुसपैठ कर ली है। एनडीटीवी ने इन हाई रेस्जोल्यूशन तस्वीरों के आधार पर बताया कि 25 जून तक भारतीय क्षेत्र में 423 मीटर अंदर तक 16 चीनी टेंट और तिरपाल, एक बड़ा शेल्टर और कम से कम 14 वाहन इस क्षेत्र में थे।
वहीं, भारत और चीन में तीसरे दौर की Corps Commander स्तर की बात मंगलवार को सुबह 10:30 बजे लद्दाख के चुशुल में होगी। पहले दो राउंड्स की बातचीत मोल्डो में हुई थीं, जो कि एलएसी पर चीन की ओर पड़ता है। यह जानकारी समचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से सोमवार को दी। इससे पहले, भारत चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आयी है। दरअसल जुलाई माह के अंत तक फ्रांस से हमें 6 लड़ाकू विमान मिल जाएंगे। इससे वायुसेना की ताकत में उल्लेखनीय इजाफा होगा। राफेल की मेटेओर मिसाइल से 150 किलोमीटर दूर का निशाना भेदा जा सकता है। ऐसे में भारतीय वायुसेना को चीनी वायुसेना पर बढ़त मिलने की उम्मीद है।
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लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत और जापान ने हिंद महासागर में युद्धभ्यास किया है। दोनों देशों की नौसेनाओं ने इस युद्धाभ्यास में भाग लिया। युद्धाभ्यास में दोनों देशों के दो-दो युद्धपोत शामिल हुए। इस दौरान रणनीतिक संचार बेहतर करने का अभ्यास किया गया। बता दें कि बीते तीन वर्षों से भारत और जापान की नौसेनाएं हिंद महासागर में युद्धाभ्यास कर रही हैं। जिस तरह से चीन दक्षिणी चीन सागर के बाद अब हिंद महासागर में भी अपनी ताकत बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में भारत और जापान भी मिलकर चीन की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।
Highlights
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तल्ख सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि में भारतीय नौसेना ने अपने निगरानी अभियानों में वृद्धि करते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में परिचालन तैनाती को बढ़ा दिया है। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना तेजी से बदल रहे क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर मित्र अमेरिकी नौसेना और जापान समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) के साथ अपने परिचालन सहयोग को भी बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार को भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में जेएमएसडीएफ के साथ एक महत्वपूर्ण अभ्यास किया। उस क्षेत्र में चीनी नौसेना के पोतों के साथ ही उसकी पनडुब्बियां अक्सर आती रहती हैं। भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस राणा और आईएनएस कुलिश अभ्यास में शामिल हुए। ‘जापान मेरिटाइम डिफेंस फार्सेस’ ने अभ्यास के लिए अपने दो जहाजों जेएस काशिमा और जेएस शिमायुकी को तैनात किया था।
लद्दाख में एलएसी पर सेना ने इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप की तैनाती की है। बता दें कि इस ग्रुप में शामिल जवान ऊंची पहाड़ियों में युद्ध करने में पारंगत होते हैं। ये 17वीं माउंटेन कोर के जवान हैं, जिन्हें ऊंचे और दुर्गम इलाकों में युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया गया है। दरअसल चीनी मीडिया में खबर आयी थी कि गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प से पहले चीन ने पर्वतारोहियों और मार्शल आर्ट के लड़ाकों को एलएसी पर भेजा था। इसके बाद भारतीय सेना ने भी अपने इंटीग्रेडेट बैटल ग्रुप को सीमा पर तैनात करने का फैसला किया है।
चीन के साथ सीमा टकराव के बीच केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने विद्युत प्रणाली की सुरक्षा को अधिक चाक-चौबंद करने के लिये इसमें विनिर्मित उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ अब चीन जैसे पड़ोसी देशों से बिजली उपकरण आयात करने से पहले उसकी मंजूरी लेना अनिवार्य करने का निर्णय किया है। मंत्रालय का यह भी निर्णय है कि आयातित बिजली उपकरणों की साइबर सुरक्षा की दृष्टि से भारत की प्रयोगशालाओं में कड़ाई से जांच होगी। इसके साथ ही बिजली पारेषण और अन्य संबंधित प्रणालियों पर साइबर हमलों के खिलाफ निगरानी और उससे बचाव की रणनीति तैयार करने के लिये केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अंतर्गत एक समिति भी बनायी गयी है।
उद्योग संस्था सीईएएमए के मुताबिक भारत में बिकने वाले लगभग 95 प्रतिशत उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक और उपकरण स्थानीय स्तर पर ही बनते हैं, लेकिन इनके कलपुर्जों के लिए चीन पर 25 से लेकर 70 प्रतिशत तक निर्भरता अभी बरकरार है, जिसे रातों रात खत्म करना कठिन है। कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) ने कहा कि चीनी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान से पहले ही चीन में कोरोना वायरस महामारी फैलने के दौरान आपूर्ति बाधित होने की वजह से विभिन्न कंपनियों ने वैकल्पिक स्रोतों की तलाश शुरू कर दी थी।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चीन के साथ गतिरोध को लेकर कांग्रेस एवं राहुल गांधी के हमले पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि विपक्षी पार्टी को यह हजम नहीं हो पा रहा है कि मौजूदा सरकार रिमोट से नहीं चलती है। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए यह दावा भी किया कि अपने को ‘महाज्ञानी साबित करने’ की कोशिश में वह हर दिन कांगेस का बंटाधार कर रहे हैं। नकवी के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक मंत्री ने रामपुर में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत 92 करोड़ रूपए की लागत के "सांस्कृतिक सद्भाव मंडप" के शिलान्यास के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस पर निशाना साधा।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भारत चीन विवाद पर कहा है कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप की जो घिनौनी राजनीति की जा रही है, वो वर्तमान में कतई उचित नहीं है। इनकी आपसी लड़ाई का सबसे ज्यादा नुकसान देश की जनता को हो रहा है। इस लड़ाई में देशहित के मुद्दे दब रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज रक्षा मंत्रालय के नए वेब पोर्टल को लॉन्च किया। इस वेब पोर्टल की मदद से अब आसानी से डिफेंस इंस्टॉलेशन, भारतीय जलक्षेत्र में RSSE एक्टिविटी और EEZ की आसानी से मंजूरी ली जा सकेगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज अपने एक बयान में कहा है कि भारत चीन विवाद पर बसपा भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी है। इससे पहले एक बयान में मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर सीमा विवाद के मुद्दे पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया था।
ट्रांसपोर्ट और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि बंदरगाह पर रुके चाइनीज सामान को कस्टम क्लीयरेंस मिलने में हो रही देरी से इसका नुकसान चीन को नहीं बल्कि हमें ही होगा। नितिन गडकरी ने कहा कि इस सामान की भारतीय व्यापारी पेमेंट कर चुके हैं और इसलिए कस्टम क्लीयरेंस में हो रही देरी से चीन को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। गडकरी ने कहा कि हमारा फोकस है कि चीन से सामान के आयात को कम करना है और इसके लिए उस पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ायी जा सकती है लेकिन सामान को बंदरगाह पर रोककर रखना सही नहीं है।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी तनाव को कम करने के लिए अब दोनों देश हर हफ्ते बातचीत करेंगे। केन्द्र सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि दोनों देशों में इस बात को लेकर सहमति बन गई है। खबर है कि डब्ल्यूएमसीसी की बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और सुरक्षा बलों समेत कई मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। वहीं चीन की तरफ से भी शीर्ष अधिकारी इस बैठक में शामिल होंगे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को आरोप लगाया कि भारत और चीन के बीच सीमा संघर्ष के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस जिम्मेदार हैं। उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) द्वारा कथित तौर पर दान प्राप्त करने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर अपने बयानों से सेना के ‘‘मनोबल को गिराने’’ का आरोप लगाया। चौहान ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के किसी भी प्रधानमंत्री ने कभी चीन से सटे भारतीय हिस्से पर सड़क बनाने की हिम्मत नहीं की। अब चीन क्यों हताश है।’’ उन्होंने भोपाल से छत्तीसगढ़ के भाजपा कार्यकर्ताओं को एक ऑनलाइन रैली के जरिये संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ऐसा इसलिए है क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार ने सीमाओं पर सड़कों का निर्माण किया है। चीन निराश है क्योंकि वह सोच रहा है कि अगर भारत आगे बढ़ता रहा तो वह दुनिया का एकमात्र देश होगा जो उन्हें हरा सकता है।’’
केन्द्रीय मंत्री और पूर्व थलसेना अध्यक्ष वीके सिंह ने दावा किया है कि बीती 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा चीनी टेंट में आग लगने के चलते हुई थी। बता दें कि इस हिंसा में भारतीय सेना के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन के भी 40 से ज्यादा जवान मारे गए थे। हालांकि चीन ने आधिकारिक तौर पर अभी यह स्वीकार नहीं किया है।
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी इलाके में हुई हिंसक झड़प के मुद्दे पर अब चीन अपने घर में ही घिरता नजर आ रहा है। दरअसल अब तक चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने जवानों की मौत की बात स्वीकार नहीं की है लेकिन गलवान घाटी में हुई हिंसा में मारे गए चीनी सैनिकों के परिजनों में इसे लेकर गुस्सा है। अमेरिका के ब्रेइटबार्ट न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा में मारे गए सैनिकों के नाम उजागर नहीं करने के चलते सैनिकों के परिजन परेशान हैं वह लगातार सोशल मीडिया पर अपने जवानों को लेकर सवाल पूछ रहे हैं।
भारत और चीन के बीच हुई कमांडर लेवल की मीटिंग में दोनों सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनी थी लेकिन चीन पीछे हटने की बात कहकर भी विवादित इलाकों में निर्माण कर रहा है। सैटेलाइट इमेज से यह खुलासा हुआ है। चीनी सेना ने गलवान घाटी में पीपी14 पॉइंट के नजदीक निर्माण किया है। दोनों देशों के पूर्व के समझोतों के तहत एलएसी पर निर्माण और ज्यादा सैनिकों की तैनाती की मनाही है।
लद्दाख में एलएसी पर सेना ने इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप की तैनाती की है। बता दें कि इस ग्रुप में शामिल जवान ऊंची पहाड़ियों में युद्ध करने में पारंगत होते हैं। ये 17वीं माउंटेन कोर के जवान हैं, जिन्हें ऊंचे और दुर्गम इलाकों में युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
लद्दाख में एलएसी पर जारी तनाव के बीच भारत और जापान की नौसेनाओं ने हिंद महासागर में युद्धाभ्यास किया। दोनों सेनाओं ने रविवार को इसकी जानकारी दी है। इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के 2-2 युद्धपोतों ने हिस्सा लिया था। बताया गया कि इस युद्धाभ्यास का मकसद सामरिक और संचार प्रशिक्षण है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव ने भारत-चीन तनाव के मुद्दे पर केन्द्र की आलोचना के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि कांग्रेस नेताओं की रुचि राजनीति में है न कि सेना के हित में। उन्होंने एमके स्टालिन नीत द्रमुक पार्टी से पूछा कि आखिर वह कांग्रेस से क्यों जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा होने के मौके पर तमिलनाडु भाजपा इकाई की आयोजित डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए राव ने कहा कि भारत ने 1962 में चीन के साथ और 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ लड़ाई लड़ी थी और तब कांग्रेस सत्ता में थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस समय की सरकार का समर्थन किया था।
खाने-पीने के सामान की आनलाइन डिलिवरी करने वाली कंपनी जोमैटो के कुछ कर्मचारियों ने चीन के निवेश के खिलाफ यहां विरोध प्रदर्शन किया और कंपनी की टी-शर्ट को फाड़कर जला दिया। हालांकि कंपनी का कहना है कि इन कर्मचारियों को हाल ही में नौकरी से निकाला गया था और वे संवेदनशील भावना का सहारा लेकर अपनी निराशा बाहर निकाल रहे थे। कंपनी ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज की है।
केंद्र सरकार ने गंगा नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनाये जाने वाले महासेतु की परियोजना से जुड़ी निविदा रद्द कर दी है। इस परियोजना में चीन कंपनियां शामिल थीं।
बिहार सरकार के शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि केंद्र ने निविदा रद्द कर दी क्योंकि परियोजना के लिए चुने गए चार में से दो ठेकेदार चीनी कंपनियां थीं। पूरी परियोजना पर 2,900 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च आने का अनुमान है। इसमें 5.6 किलोमीटर लंबा मुख्य पुल, अन्य छोटे पुले, अंडरपास और रेल उपरगामी पुल शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह निर्णय भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद एवं 15 जून को पूर्वी लद्दाख के गालवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की पृष्ठभूमि में लिया गया है।
मध्यप्रदेश भाजपा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री रहने के दौरान 250 वस्तुओं पर आयात शुक्ल कम करके चीन को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए रविवार को प्रदेश भर में कमलनाथ का पुतला फूंका। कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों का खंडन किया है। भाजपा के एक नेता ने बताया कि हमने विरोध प्रदर्शन के तौर पर 1000 जगहों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का पुतला दहन किया है। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री रहते हुए 250 वस्तुओं पर 40 से 200 प्रतिशत तक आयात शुल्क कम करके चीन को लाभ पहुंचाने का काम किया जिसका परिणाम यह हुआ कि देश में छोटे-छोटे काम करने वालों का रोजगार छिन गया। शर्मा के अनुसार कमलनाथ ने चीन को फायदा पहुंचाने का यह काम कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर किया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को अपने पूर्ववर्ती एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘कलंकनाथ’ हैं जिन्होंने संप्रग सरकार में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री रहते हुए चीन का पक्ष लिया था। भोपाल से छत्तीसगढ़ के भाजपा के कार्यकर्ताओं को डिजिटल रैली से संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि कमलनाथ ने संप्रग सरकार में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री रहते हुए चीन का पक्ष लिया था। चौहान ने कहा, ‘‘ कमलनाथ चीन के दोस्त भी हैं। जब वह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री थे तो उन्होंने चीन से आयातित सामान पर आयात शुल्क घटा दिया था इससे चीन को अपना माल भारत में डंप करने और हमारे देश को लूटने का मौका मिला। वह कमलनाथ नहीं हैं बल्कि ‘कलंकनाथ’ हैं।
चीन के साथ सीमा टकराव के बीच केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने विद्युत प्रणाली की सुरक्षा को अधिक चाक-चौबंद करने के लिये इसमें विनिर्मित उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ अब चीन जैसे पड़ोसी देशों से बिजली उपकरण आयात करने से पहले उसकी मंजूरी लेना अनिवार्य करने का निर्णय किया है।
इससे पहले, पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम द्वारा देशवासियों के सामने अपने विचार रखे। भारत चीन तनाव के बीच हुए इस मन की बात कार्यक्रम पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निशाना साधा है। एक ट्वीट कर उन्होंने पूछा कि "कब होगी राष्ट्र रक्षा और सुरक्षा की बात?"। बता दें कि लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर है। खासकर जब से पीएम मोदी ने अपने एक बयान में कहा था कि किसी ने भी भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं की है। उसके बाद से कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार सवाल उठा रहे हैं कि सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने हमारे इलाके में घुसपैठ की है। साथ ही गलवान घाटी में हुई झड़प में जो हमारे जवान शहीद हुए, वो क्यों और किसकी जमीन पर शहीद हुए? कांग्रेस पार्टी पीएम से सीमा विवाद की सच्चाई बताने की मांग कर रही है।
भाजपा द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग पर सवाल उठाए जाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम-केयर्स) में चीनी कंपनियां दान दे रही हैं और पूछा कि जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण गतिरोध चल रहा है तो इस रकम को स्वीकार क्यों किया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बीते छह साल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ “18 मुलाकातों” पर भी सवाल उठाए और पूछा कि उन्होंने चीन को अब तक क्यों “हमलावर” नहीं कहा। सिंघवी का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान यह कहने के कुछ घंटों के बाद आया कि लद्दाख में उसकी जमीन पर बुरी नजर रखने वालों को भारत ने उचित जवाब दिया है।
इससे पहले मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि 'जिन्होंने भारतीय जमीन पर निगाह डाली उन्हें लद्दाख में करारा जवाब दिया गया है। हमारे सैनिकों ने दिखाया कि वह कभी भी मातृभूमि के सम्मान को नुकसान नहीं होने देंगे।' पीएम ने भारत चीन तनाव पर कहा कि भारत के अपनी सीमाओं और संप्रभुता के प्रति समर्पण को दुनिया देख रही है। एलएसी के नजदीक तिब्बत में चीन के एयरबेस एक्टिव होने की खबर है। खबरें हैं कि इन एयरबेस पर चीनी लड़ाकू विमानों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। जिस पर भारतीय वायुसेना बारीकी से नजर रखे हुए है। वहीं अपनी तैयारियों को पुख्ता करते हुए भारत ने लद्दाख में एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात कर दिया है। यह सिस्टम जमीन से ही हवा में मिसाइल से मार करने में सक्षम है।
इसी बीच, कुछ सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीनी सेना ने गलवान घाटी में एलएसी से 9 किलोमीटर के दायरे में कई नए कैंप बनाए हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यहां 16 चाइनीज कैंप दिखाई दे रहे हैं। तस्वीरों से साफ है कि चीनी सेना इस इलाके से पीछे नहीं हटी है, जबकि 22 जून को भारत और चीन के बीच हुई कमांडर लेवल की बातचीत में दोनों सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनी थी।
चीन के साथ सीमा टकराव के बीच केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने विद्युत प्रणाली की सुरक्षा को अधिक चाक-चौबंद करने के लिये इसमें विनिर्मित उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ अब चीन जैसे पड़ोसी देशों से बिजली उपकरण आयात करने से पहले उसकी मंजूरी लेना अनिवार्य करने का निर्णय किया है। मंत्रालय का यह भी निर्णय है कि आयातित बिजली उपकरणों की साइबर सुरक्षा की दृष्टि से भारत की प्रयोगशालाओं में कड़ाई से जांच होगी। इसके साथ ही बिजली पारेषण और अन्य संबंधित प्रणालियों पर साइबर हमलों के खिलाफ निगरानी और उससे बचाव की रणनीति तैयार करने के लिये केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अंतर्गत एक समिति भी बनायी गयी है। बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने ‘भाषा’ के साथ विशेष बातचीत में कहा, ‘‘बिजली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र है।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कांग्रेस पर ''आपदा को अराजकता'' में बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश ''टिड्डियों और हारे हुए लोगों'' परेशान है। उन्होंने कहा, ''आपदा की इस घड़ी में, टिड्डियों और हारे हुए लोगों ने परेशान कर रखा है। दोनों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। एक ओर जहां टिड्डियां फसलों के लिए खतरनाक है, वहीं दूसरी ओर हारे हुए लोग देश में असंतोष पैदा कर रहे हैं। पूरा देश आपदा को अवसर में बदलने में लगा है और कांग्रेस आपदा को अराजकता में तब्दील करने का प्रयास कर रही है।'' कोविड-19 के बीच उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक डिजिटल कार्यक्रम के जरिए भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने कहा कि अंत्योदय को आत्म-निर्भरता की प्रतिबद्धता के जरिए हासिल किया जाएगा।
वर्ष 2020 को चुनौतियों का वर्ष बताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को कहा कि तमाम चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरा देश अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा है । यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम को सुनने के बाद बाद रावत ने कहा कि कोरोना वायरस जैसी महामारी से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सफलतापूर्वक लङाई लङी जा रही है और उनके द्वारा सही समय पर लिए गए सही निर्णयों से ही भारत में इस महामारी को नियंत्रित रखा जा सका है । उन्होंने कहा कि साल 2020 चुनौतियों का वर्ष है और हम इन चुनौतियों पर जीत हासिल करेंगे।
गलवान घाटी में जहां बीती 15 जून की रात को हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, वहां अब चीनी सेना ने बड़ी संख्या में कैंप बना लिए हैं। सैटेलाइट इमेज से यह खुलासा हुआ है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने फिर से पीएलए की एक वीडियो जारी की है। इस वीडियो में चीनी सेना के स्नाइपर राइफल से निशाना लगाते नजर आ रहे हैं। सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए इसे चीन के प्रोपेगैंडा के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले भी चीन अपनी सेना के ऐसे वीडियो जारी कर चुका है।
भारत पर चीन के साथ जारी तनाव को देखते हुए भारत ने रूस से एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल की जल्द आपूर्ति करने की अपील की है। जिसके बाद रूस सरकार ने भी इसकी जल्द डिलीवरी देने का आश्वासन दिया है। बता दें कि कोरोना के चलते एस-400 की डिलीवरी साल 2021 में होनी थी, लेकिन अब भारत ने रूस से स्पेशल अरेंजमेंट करके इसकी डिलीवरी जल्द देने की मांग की है।
भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने की सूरत में देखा जाए तो चीन की वायुसेना ज्यादा ताकतवर दिखाई दे रही है। बता दें कि चीन के पास 2100 से ज्यादा फाइटर जेट हैं। वहीं भारत के पास यह संख्या महज 550 फाइटर जेट की है। इसके अलावा चीन के पास भारत से बेहतर एयर डिफेंस और मिसाइल सिस्टम है।
एक सरकारी अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया है कि जब भारत सरकार ने बीती साल अगस्त में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया था, उसके कुछ दिन बाद ही लद्दाख में तनाव बढ़ने के संकेत मिलने शुरू हो गए थे। बीते साल सितंबर में चीनी सैनिकों की दो कंपनियों ने फिंगर 4 इलाके में घुसपैठ की थी। इस दौरान भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प भी हुई थी, जिसमें सेना और आईटीबीपी के 10 जवान घायल भी हुए थे। इतना ही नहीं चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना की तीन बोट भी तोड़ दीं थी। इसके जवाब में भारतीय जवानों ने भी चीन की दो बोट को नुकसान पहुंचाया था। चीनी सैनिकों ने उस दौरान फिंगर 4 पर बनायी गई एक अस्थायी पोस्ट को भी तहस नहस कर दिया था। इसके बाद से ही चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की फिंगर 8 तक होने वाली पेट्रोलिंग को ब्लॉक करना शुरू कर दिया था।
पीएम ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान भारत चीन तनाव पर कहा कि भारत के अपनी सीमाओं और संप्रभुता के प्रति समर्पण को दुनिया देख रही है। लद्दाख में जिन्होंने हमारी जमीन को कब्जाने की कोशिश की, उन्हें करारा जवाब दिया गया।
लद्दाख में एलएसी पर जारी भारत चीन तनाव के बीच खबर आयी है कि चीनी वायुसेना ने एलएसी के नजदीक तिब्बत में तीन एयरबेस एक्टिव किए हैं। इसके अलावा चीन के लड़ाकू विमानों को भी उड़ान भरते हुए देखा गया है। इसके बाद भारतीय सेना भी सतर्क हो गई है और एलएसी पर निगरानी बढ़ा दी है। चीन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना ने भी अपने लड़ाकू विमान और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात कर दी हैं।
भारत चीन के बीच जारी तनाव को देखते हुए बीआरओ ने चीन सीमा के नजदीक स्थित एक पुल को 5 दिन के कम समय में ही फिर से तैयार कर दिया है। बता दें कि यह पुल उत्तराखंड में मुनस्यारी मिलम रोड पर था, जो कि बीते दिनों टूट गया था। इसकी अहमियत को देखते हुए इस सिर्फ 5 दिन के कम समय में फिर से तैयार कर दिया गया है।
भारतीय वायुसेना चीन के तिब्बत और शिनजियांग प्रांत में स्थित एयरबेस पर बारीकी से नजर रखे हुए है। दरअसल इन एयरबेस पर हाल कि दिनों में चीनी फाइटर जेट की गतिविधियां देखी गई हैं। इसके जवाब में भारतीय वायुसेना ने भी लद्दाख में अपने फाइटर जेट की तैनाती कर दी है।
चीनी सेना ने लद्दाख के पैंगोंग त्सो, हॉट स्प्रिंग और गलवान घाटी के बाद देपसांग इलाके में भी अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। इसके जवाब में भारत ने भी वहां सेना की कई टुकड़ियों की तैनाती कर दी है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच कई बार विभिन्न स्तर की बातचीत हो चुकी है। दो बार तो दोनों सेनाओं के बीच कमांडर स्तर की बातचीत भी हो चुकी है। हालांकि बातचीत का कोई खास नतीजा नहीं निकला है। अब खबर है कि फिलहाल दोनों सेनाओं के बीच कोई बातचीत प्रस्तावित नहीं है। ऐसे में सीमा पर स्थिति को देखते हुए तनाव चरम पर पहुंचने की आशंका है।