India China Border Dispute: भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार (30 मई, 2023) को बड़ा बयान दिया। चौहान ने कहा कि चीन की सेना (PLA) की तैनाती उत्तरी सीमा की तरफ नहीं बढ़ रही है। वह उतनी ही है, जितनी साल 2020 में थी। बता दें, साल 2020 में गलवान संघर्ष हुआ था। जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे।

हमें अपनी यथास्थिति बरकरार रखनी होगी: CDS

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा, ‘भारतीय सेना हर संभव कोशिश कर रही है कि हालात न बिगड़ें। हमें अपने दावे की वैधता बनाए रखनी होगी। चौहान ने आगे कहा कि सीमा विवाद को सुलझाना अलग मुद्दा है, जिन इलाकों में हम 2020 से पहले पेट्रोलिंग करते थे, जिन पर हमारा दावा है, वहां यथास्थिति बनानी होगी।’ पिछले कुछ सालों में भारत और चीन के रिश्ते खराब रहे हैं। दोनों देशों के बीच सीमा पर कई इलाकों में विवाद हैं। दोनों देश इस मामले में अलग-अलग दावे करते हैं।

क्या है विवाद की वजह-

भारत-चीन के बीच विवाद की मुख्य वजह 3440 किलोमीटर लम्बी सीमा है। इसको लेकर दोनों देश अपने-अपने दावे करते हैं। इस इलाके की स्थिति ऐसी है कि कई बार झील, नदियों और बर्फ से घिरे पहाड़ों के कारण वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर विवाद होता रहता है। कई बार दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ जाते हैं। साथ ही दोनों देश सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कर रहे हैं।

गलवान संघर्ष में हुए थे भारत के 20 सैनिक शहीद

साल 2020 में जून में गलवान में भारत और चीन के बीच संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। कई महीने बाद चीन ने इस संघर्ष में अपने चार सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की थी। गलवान के बाद और पहले भी दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की कई बातचीत हुई, लेकिन इन सबके बीच तनाव अभी भी बरकरार है। 9 दिसंबर, 2022 को भी अरुणाचल प्रदेश के तवांग में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। भारतीय सेना का कहना था कि इस झड़प में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे।