भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अब थमता नजर आ रहा है। दोनों पक्षों की सेना ने विवादित क्षेत्र से पीछे हटने पर सहमति जताई है। सेना के सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी कि लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से चीनी सेना द्वारा 2 किलोमीटर पीछे हटने का काम आज यानी मंगलवार को पूरा कर लिया जाएगा।
वहीं, गोरगा क्षेत्र में पीछे हटने का काम बुधवार तक पूरा होगा।
सेना के सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्ष डिसएंगेजमेंट कर फ्रिक्शन प्वाइंट से 1-1.5 किमी पीछे चले जाएंगे। विघटन (डिसइंगेजमेंट) प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों देश की सेना इस मसले को लेकर आगे की बातचीत करेगी। भारत और चीन इस बात पर सहमत हुए हैं कि शांति और शांति की पूर्ण बहाली के लिए भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की जल्द से जल्द पूर्ण विघटन और डी-एस्केलेशन सुनिश्चित करना आवश्यक था।
वहीं दूसरी तरफ, लद्दाख मामले पर चीन दुष्प्रचार फैलाने में जुटा हुआ है। चीन का यह दांव उस पर ही उलटा पड़ता नजर आ रहा है। चीन की टीवी पर जो तस्वीरें दिखाई जा रही है। उससे इस बात को बल मिलता है कि चीनी सैनिकों ने जून में दोनों देशों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के पहले, मई माह के प्रारंभ में गालवान घाटी क्षेत्र में भारत की सीमा पर भारतीय सैनिकों की वैध गतिविधियोंं को रोकने की कोशिश की थी।
गौरतलब है कि सोमवार को भी सूत्रों ने बताया था कि दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच हुए समझौते के तहत चीनी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया है।उन्होंने कहा कि चीनी सेना गश्त बिंदु 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है।सूत्रों ने कहा कि गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है।भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है। गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं।
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लद्दाख पहुंचे थे। वो यहां नीमू नाम की जगह पर गए थे, जहां उन्होंने सेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की थी।

