अयोध्या के राम मंदिर पर 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्वजारोहण किया था। इसके बाद पाकिस्तान को मिर्ची लगी और उसने कहा कि भारत में मुसलमानों को दबाया जा रहा है। अब भारत ने पाकिस्तान को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि वह हमें पाखंडी उपदेश न दे और अपनी हरकतों को सुधार लें।

पाकिस्तान को भारत ने फटकारा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अयोध्या राम मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ध्वजारोहण पर पाकिस्तान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “हमने कथित टिप्पणियों को देखा है और उन्हें पूरी तरह से खारिज करते हैं। कट्टरता, दमन और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवस्थित दुर्व्यवहार के गहरे दागदार रिकॉर्ड वाले देश के रूप में पाकिस्तान के पास दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है। पाखंडी उपदेश देने के बजाय पाकिस्तान को अपने भीतर झांककर अपने मानवाधिकारों के बेहद खराब रिकॉर्ड पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

चीन पर क्या बोला भारत?

वहीं भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक पेमा वांगजोम को 21 नवंबर को शंघाई में ट्रांजिट के दौरान चीनी इमीग्रेशन अधिकारियों ने परेशान किया। उन्हें चीनी इमीग्रेशन अधिकारियों द्वारा 18 घंटे तक केवल इसलिए परेशान किया गया क्योंकि उनके पास जो पासपोर्ट था, उसमें जन्मस्थान की जगह अरुणाचल प्रदेश दर्ज था।

इस मामले पर रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने एक बयान जारी किया था। कल हमने एक बयान दिया था, आपने देखा होगा कि, अरुणाचल प्रदेश के एक भारतीय नागरिक को मनमाने ढंग से हिरासत में लेने के संबंध में, जिसके पास वैध पासपोर्ट था और वह जापान की यात्रा के लिए शंघाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गुज़र रही थी। हम कहना चाहते हैं कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है, और यह एक ऐसा तथ्य है जो स्वयंसिद्ध है। चीनी पक्ष द्वारा किसी भी तरह का इनकार इस निर्विवाद वास्तविकता को बदलने वाला नहीं है। साथ ही हमने इस मामले को उठाया था। हमने घटना के समय बीजिंग और दिल्ली, दोनों जगहों पर चीनी पक्ष के साथ एक कड़ा विरोध प्रदर्शन किया था।”

शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर भारत का बयान

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत से बांग्लादेश के अनुरोध पर बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हां, हमें वह अनुरोध प्राप्त हुआ है और अनुरोध की जांच की जा रही है। हम बांग्लादेश के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस संबंध में सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ना जारी रखेंगे।”