नए साल पर होने जा रहे लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को मात देने के लिए बनाया गया विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए (I.N.D.I.A.) में तकरार बढ़ती जा रही है। इस गठबंधन को बनाने की पहल और शुरुआत बिहार के सीएम और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने की थी, लेकिन 26 दलों के इस गठबंधन का नेता कौन है, अभी यही तय नहीं हो पाया है। कभी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में कहासुनी का दौर चलता है तो कभी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच टकराव होता है।

अलायंस में हर दल खुद नेतृत्व करना चाहता है

टीएमसी गठबंधन में ममता बनर्जी का नेतृत्व चाहती है तो जेडीयू नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार घोषित करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस भी अपने नेता को सर्वमान्य बताना चाहती है। हालांकि इस बीच नीतीश कुमार के तेवर देख कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आ गई है। नीतीश कुमार को मनाने के लिए उन्हें गठबंधन का संयोजक बनाए जाने की बात कही जा रही है।

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सीएम ने बताई थी अपनी पीड़ा

हाल ही में जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी की कमान खुद संभाल ली। बैठक में उन्होंने कांग्रेस के रवैए पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा, “कांग्रेस उनके नाम की चर्चा तक नहीं करती है। जाति जनगणना और आरक्षण पर इतने बड़े फैसले लेने के बाद भी कांग्रेस उनके नाम के बारे में नहीं सोचती है।”

जेडीयू नेता के इस बयान के बाद से कांग्रेस में बेचैनी है। पार्टी नीतीश कुमार गठबंधन का नेता पद संभालने के लिए मनाने में जुट गई है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर महाविकास अघाडी (एमवीए) के सहयोगियों के बीच कोई खींचतान नहीं है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी और दिल्ली तथा महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं के बीच एक ‘‘बेहतर समझ’’ है।

राउत ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी पार्टी अगले साल लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 23 सीट पर लड़ेगी। प्रदेश कांग्रेस ने राउत की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसके बाद पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा था कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे एमवीए गठबंधन को कोई नुकसान पहुंचे।