Rahul Gandhi Norway Speech: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा। गांधी ने कहा कि इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भारत के संस्थानों पर कब्जा नहीं करने देगा और लोकतंत्र की हत्या को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अभी भी बहुत सारे लोग हैं जो हमारे लोकतांत्रिक ढांचे पर हमले के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। लड़ाई खत्म नहीं हुई है और मुझे लगता है कि हम लड़ाई जीतेंगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह बयान इस महीने की शुरुआत में नॉर्वे के ओस्लो यूनिवर्सिटी में आयोजित में कार्यक्रम में दिया। कांग्रेस ने गुरुवार को इसका वीडियो जारी किया है। कार्यक्रम में राहुल ने कहा, उस गठबंधन में हर एक व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो, इस बात पर सहमत है कि हम भारतीय लोकतंत्र की हत्या को बर्दाश्त नहीं करेंगे। दूसरा, हर एक व्यक्ति का विचार है कि हम आरएसएस को हमारे संस्थागत ढांचे पर कब्जा नहीं करने देंगे।

राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में 2-3 व्यावसायिक घरानों का एकाधिकार है और पिछले नौ वर्षों में 200 मिलियन से अधिक लोग गरीबी में चले गए हैं। राहुल ने कहा, “तीसरी बात, हम सभी सहमत हैं कि सरकार को स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर अधिक खर्च करना चाहिए और इसमें खुद को शामिल करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के कुछ समूह हैं – दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, जो भारत की विकास कहानी में शामिल नहीं हैं।

हालांकि, राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कई राज्यों में इंडिया गठबंधन के भीतर मतभेद हैं। केरल का उदाहरण देते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस की वामपंथियों के साथ पूरी लड़ाई है, लेकिन लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दक्षिणी राज्य में भाजपा कभी भी सत्ता में न रहे। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि ऐसे अन्य राज्य भी हैं जहां यह थोड़ा अधिक जटिल है। राहुल ने कहा, “बंगाल में यह बिल्कुल स्पष्ट है कि बीजेपी के खिलाफ खड़ा होना फायदेमंद होगा। क्या हम इसे हासिल कर सकते हैं? शायद। वह कैसा दिखेगा? मैं अभी आपको नहीं बता सकता।”

ओस्लो यूनिवर्सिटी में बातचीत में राहुल ने इंडिया बनाम भारत विवाद के बारे में भी बात की। गांधी ने कहा कि अगर वह नाम बदलेंगे तो हम भी अपना नाम बदल लेंगे फिर उन्हें फिर से नाम बदलना होगा। राहुल ने कहा, सबसे पहले हम आरएसएस को हमारे संस्थानों पर कब्जा नहीं करने देंगे। यह भी कहा कि हम देश में एक विशेष विचारधारा का बचाव करते हैं। यह महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध और गुरु नानक की विचारधारा है। मैं इसके लिए लड़ता हूं। चाहे मैं नेता बनूं या न बनूं। हम अपने देश के भविष्य के लिए एक वैचारिक संघर्ष में लगे हुए हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश की रक्षा करें और यही मैं करता हूं।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारत में आज हम किसी राजनीतिक दल से नहीं लड़ते हैं, इसलिए पूरा खेल बदल गया है। संस्थानों पर आरएसएस का कब्जा हो गया है। एजेंसियों सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग को हथियार बना दिया गया है, वे उन लोगों को निशाना बनाते हैं जो भाजपा की विचारधारा का विरोध करते हैं।

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि मेरे ऊपर 24 मामले हैं। मुझसे 55 घंटे पूछताछ की गई। दो साल की सजा दी गई। भारत में पहली बार किसी को आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम सजा दी गई है। बहुत सी ऐसी बातें भी कहीं जो लोग उनके बारे में सुनते हैं। बहुत से लोगों ने मुझसे पूछा कि आप 4,000 किलोमीटर क्यों चले, लेकिन हमारे पास यही एकमात्र विकल्प बचा था। अगर आपने मुझसे 2005 या 2012 में भी पूछा होता तो अगर मैं ऐसा करता कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल चलना होता तो मैं कहता ‘कोई रास्ता नहीं’, लेकिन यह हमारे लिए एक राजनीतिक जरूरत बन गई।