आम आदमी पार्टी के नेताओं के घरों पर मंगलवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी पर आईएनडीआईए (I.N.D.I.A.) गुट ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। गठबंधन के नेताओं ने इसे मोदी सरकार की तानाशाही बताते हुए इसे विपक्ष को ‘खत्म’ करने की राजनीतिक साजिश कहा। दूसरी तरफ बीजेपी ने छापे को भ्रष्टाचार को उजागर करने की एजेंसियों की जिम्मेदारी बताई। दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि एजेंसियां “उनके भ्रष्टाचार को उजागर करने” के लिए काम कर रही हैं।
संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय को बीजेपी की एक शाखा बताया
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने एएनआई से कहा, “ईडी बीजेपी की एक शाखा है। आरएसएस के बाद बीजेपी ईडी पर भरोसा करती है। महाराष्ट्र, झारखंड में किसने खेल खेला, यह ईडी ने किया है… जो भी इसके खिलाफ बोलता है, बीजेपी, ईडी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।” उनका इशारा मौजूदा झारखंड राजनीतिक संकट और 2022 में महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के गिरने की ओर था।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि छापे ‘विपक्ष को चुप कराने के इरादे’ से मारे गए हैं। उन्होंने कहा, “…जिस तरह से छापे मारे जा रहे हैं और समन भेजे जा रहे हैं…इरादा उन्हें (विपक्षी नेताओं को) चुप कराने का है…ये (छापेमारी) बीजेपी की राजनीति से प्रेरित कार्रवाई और प्रायोजित कार्यक्रम हैं…।”
कांग्रेस सांसद के सुरेश ने एएनआई से कहा, “सभी विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी की छापेमारी हर दिन हो रही है, इसलिए इसमें कुछ खास नहीं है…लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और बीजेपी पूरे विपक्ष को खत्म करना चाहती है…”
हालांकि बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा ने एएनआई से कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। एजेंसियां भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए काम कर रही हैं…हम इस जांच का स्वागत करते हैं।” ये छापेमारी तब हुई है जब एजेंसी ने आबकारी नीति से जुड़े एक मामले में पांचवीं बार समन जारी करने पर भी आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल नहीं पहुंचे और ईडी ने उनके खिलाफ दिल्ली की अदालत में याचिका दायर की है।