लोकसभा चुनाव से पहले I.N.D.A गठबंधन के भीतर सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। विपक्षी गठबंधन के लिए सबसे अहम मुद्दा सीट बंटवारा है, जिसे लेकर कई विवादों की आशंकाएं सामने आने की संभावना है। इसका पहला उदारहण आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच जारी अंदरखाने की उठापटक है। 

दरअसल पंजाब और दिल्ली के कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के सदस्यों ने रविवार को हैदराबाद में बैठक के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के साथ पार्टी के चुनावी गठबंधन पर आपत्ति जताई है। 

क्या है कांग्रेस नेताओं को दिक्कत? 

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि ने आम आदमी पार्टी  उन राज्यों में चुनाव लड़ने का प्रयास कर रही है जहां कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने सीधी लड़ाई लड़ती रही है।  बैठक में मौजूद कुछ कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि आप राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही है और उनका अभियान पूरी तरह से कांग्रेस के खिलाफ है, वह भाजपा के सामने नहीं हैं। 

कांग्रेस वर्किंग कमेटी बैठक के दो दिनों में कम से कम तीन नेताओं द्वारा आप के खिलाफ बोलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की कि चुनावी समझौते पर कोई भी निर्णय लेने से पहले राज्य इकाइयों से बातचीत की जाएगी। 

क्या है सीट बंटवारे का बड़ा मुद्दा, कैसे होगा हल?

13 सितंबर को इंडिया ब्लॉक की समन्वय समिति ने राज्य इकाइयों से सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू करने के लिए कहा था। इसमें जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव शामिल होंगे। समिति ने घोषणा की कि सीटों की बातचीत जल्द से जल्द पूरी होनी चाहिए।  दो नेताओं ने कहा कि राज्य इकाइयों को अनौपचारिक रूप से अक्टूबर के अंत तक वार्ता समाप्त करने के लिए कहा जाएगा।

इससे पहले 1 सितंबर को विपक्षी दलों की मुंबई बैठक में, AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन चार नेताओं में शामिल थे जिन्होंने सीट बंटवारे के मुद्दे को जल्द पूरा करने पर जोर दिया था। .

दिल्ली स्थित एक कांग्रेस नेता ने मीडिया को बताया कि दिल्ली और पंजाब दोनों में अगर हम AAP के साथ कोई सीट समझौता करते हैं तो कांग्रेस वहां खत्म हो जाएगी।