पुलवामा आतंकी हमले के 72 घंटे बात भारत ने पाकिस्तान की धरती पर फल-फूल रहे आतंक के कारोबार को बेनकाब कर दिया है। पाकिस्तान में मौलाना मसूद अजहर जैसे खूंखार आतंकी खुले में घूम रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत को वैश्विक स्तर पर समर्थन मिल रहा है। पहले से ही आर्थिक मोर्चे पर पस्त पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने के लिए भारत ने व्यापक स्तर पर कूटनीतिक कोशिशें तेज कर दी हैं। गौरतलब है कि गुरूवार को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अदिल अहमद डार ने फिदायीन हमला किया था। जम्मू-कश्मीर हाईवे पर अदिल ने विस्फोटक से भरी गाड़ी से सुरक्षा बलों के बस में टक्कर मार दी। इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए, जबकि कई बुरी तरह जख्मी हो गए। सुरक्षा बलों के काफिले में 87 बसें थीं, जिनमें 2,500 पैरामिलिट्री के जवान जम्मू से कश्मीर जा रहे थे। इनमें से अधिकांश छुट्टी के बाद अपनी ड्यूटी जॉइन करने जा रहे थे।
P5 देशों से बातचीत और पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश: पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद से भारत ने 25 देशों के साथ बैठकें कीं। इनमें P5 राष्ट्र अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस भी शामिल थे। इन देशों को भारत ने आतंकी हमले की पूरी जानकारी दी और बताया कि आतंकी गतिविधियां पाकिस्तान की नीति का हिस्सा हैं। विदेश सचिव विजय गोखले ने तमाम देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और स्थिति से अवगत कराया। द इंडियन एक्सप्रेस ने विदेश मंत्रालय के सूत्रों से बताया है कि भारत ने दुनिया के देशों को बताया है कि आतंकवाद पाकिस्तान की ‘स्टेट पॉलिसी’ का हिस्सा है। उनका कहना है कि विदेश मंत्रालय पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका को बेनकाब करता रहेगा और पाकिस्तान में पनाह लिए जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा।
आतंकी हमले की ब्रिटेन, फ्रांस और रूस द्वारा निंदा करने के अलावा अमेरिका ने पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि अमेरिका भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ जंग में साथ खड़ा है। इस दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा कि वह अपनी धरती पर फल-फूल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे, क्योंकि, इनका एक मात्र उद्देश्य हिंसा और आतंक कायम करना है। इस दौरान जैश सरगना अजहर मसूद का बचाव करने वाले चीन ने चुप्पी साध रखी है। गौरतलब है कि दक्षिण एशिया में चीन पाकिस्तान का इस वक्त सबसे करीबी देश है।
पाकिस्तान से हटा MNF का दर्जा और निर्यात पर बढ़ा 200% का शुल्क: पाकिस्तान समर्थित पुलवामा आतंकी हमले के बाद शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान की आर्थिक गतिविधि को पंगु बनाने के लिए तुरंत कार्रवाई अमल में लाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में भारत ने पाकिस्तान को 1996 से दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमफएन) का दर्जा छीन लिया। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करके ही दम लेगा। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान से निर्यात होने वाले सभी उत्पादों पर 200 फीसदी का कस्टम ड्यूटी लगा दिया है।
India has withdrawn MFN status to Pakistan after the Pulwama incident. Upon withdrawal, basic customs duty on all goods exported from Pakistan to India has been raised to 200% with immediate effect. #Pulwama
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 16, 2019
कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटाई: लोगों के आक्रोश और बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा हटा ली। रविवार को सरकार ने एक निर्देश जारी कर अलगाववादियों से सुरक्षा हटाने को कहा। सिर्फ मीरवाइज उमर फारुख़ को छोड़ अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, फजल हक कुरैशी शबीर शाह की सुरक्षा हटा ली गई।
आंसुओं की एक-एक बूंद का बदला लेगा भारत: आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताबड़तोड़ कई बैठकें कीं। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपने शहीद हुए सैनिकों को लेकर बेहद दुखी है। लेकिन, सुरक्षा बलों को खुली छूट दे दी गई है। जिन्होंने यह हरकत की है उन्हें इसकी सजा भुगतनी ही पड़ेगी। महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री ने कहा, “यह वक्त शोक मनाने का और संवेदनशीलता दिखाने का है। मैं हर उन शहीद परिवारों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपके आसुंओं का पूरा-पूरा जवाब लिया जाएगा।”
भारत सरकार के साथ खड़े हुए विपक्षी दल: जवानों पर हुए हमले के खिलाफ एकता को दर्शाते हुए सभी राजनीतिक दलों ने एक सुर में केंद्र सरकार से कार्रवाई का आह्वान किया है। राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई में पूरा साथ देने को कहा है। मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत के सभी राजनीतिक दल एक जुट हैं। इस कायराना हमले का जवाब दिया जाना चाहिए। कांग्रेस के अलावा टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, AAP नेता अरविंद केजरीवाल, टीडीपी प्रमुख चंद्र बाबू नायडू, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला, शिवसेना और तमाम दूसरे राजनीतिक दलों ने हमले की निंदा की और देश के साथ एकजुट होने का आह्वान किया।