सेना की महिला अधिकारी मेजर श्वेता पांडेय ने लालकिले की प्राचीर पर शनिवार को 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद की। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में महिला सशक्तीकरण और उनकी उपलब्धियों की चर्चा की। ऐसे में राष्ट्रीय ध्वज फहराने में किसी महिला अधिकारी का मदद करना काफी मायने रखता है। मोदी ने कहा कि महिलाएं जहां कोयला खदानों में कठिन परिश्रम कर रही हैं, वहीं भारत की बेटियां विमान भी उड़ा रही हैं और आसमान को छू रही हैं।

लखनऊ निवासी मेजर पांडेय चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से मार्च 2012 में थलसेना में शामिल हुई थीं। अधिकारियों ने बताया कि वह लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल की पूर्व छात्रा हैं और उन्होंने कंप्यूटर विज्ञान में बी.टेक की डिग्री ली है। उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। ट्रेनिंग एकेडमी में उन्होंने गढ़वाल राइफल्स पदक जीता। वह स्कूल और कॉलेज के दिनों में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में 75 से अधिक पदक तथा 250 से अधिक प्रमाणपत्र प्राप्त कर चुकी हैं। मेजर पांडेय के पिता राज रतन पांडेय उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त विभाग में अतिरिक्त निदेशक रह चुके हैं तथा उनकी मां अमिता पांडेय संस्कृत और हिन्दी की प्रोफेसर हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के मध्यम वर्ग की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा कि मध्यम वर्ग को नये अवसर चाहिये, उसको खुला मैदान चाहिये और सरकार लगातार मध्यमवर्ग के सपनों को पूरा करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार, सरकारी दखलंदाजी खत्म करने, नए अवसर मुहैया कराने और सबको बराबरी का मौका देने के लिए काम कर रहे हैं।

मध्यम वर्ग को जितने अवसर मिलते हैं, वो अनेक गुणा ताकत के साथ उभर करके आते हैं। ‘‘मध्यम वर्ग चमत्कार करने की ताकत रखता है।’’ मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मध् यम वर्ग को सरकारी दखलंदाजी से मुक्ति चाहिए, नए अवसर चाहिए, खुला मैदान चाहिए और हमारी सरकार लगातार मध् यम वर्ग के इन सपनों को पूरा करने के लिए काम कर रही है।’’

(भाषा इनपुट्स के साथ)