प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया कदम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मातृभाषा का महत्व बढ़ रहा है। इस दौरान आजादी के इस समारोह में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे। जब पीएम ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का ज़िक्र किया तो वह मुस्कुराए और हाथ जोड़कर पीएम की बात का अभिवादन किया। 

पीएम की किस बात पर कैमरा CJI चंद्रचूड़ की ओर घूम गया 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्रीय भाषा में फैसला सुनाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ज़िक्र करते हुए कहा,”मैं सुप्रीम कोर्ट को भी धन्यवाद देता हूं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फैसले का ऑपरेटिव हिस्सा मातृभाषा में भी होगा। मातृभाषा का महत्व बढ़ रहा है।” पीएम के भाषण के इस हिस्से पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के मेहमानों में शामिल भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री की टिप्पणी को स्वीकार किया जबकि अन्य मेहमानों ने तालियां बजाईं। 

सीजेआई चंद्रचूड़ ने अक्सर अदालतों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। जनवरी में CJI ने घोषणा की थी कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णयों का चार भाषाओं – हिंदी, तमिल, गुजराती और ओडिया में अनुवाद किया जाएगा, उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों का अनुवाद नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच में मदद करेगा।

यह फैसला सुनाते हुए क्या बोले थे CJI 

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने इस क्षेत्रीय भाषाओं को लेकर सुनाए इस फैसले को लेकर कहा,“एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल जिसे हमने हाल ही में अपनाया है वह है सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करना। क्योंकि हमें यह समझना चाहिए कि जिस अंग्रेजी भाषा का हम उपयोग करते हैं। वह ऐसी भाषा है जो आम लोगों को समझ नहीं आती, इससे उनको काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता। हमें इसमें सुधार लाना होगा।” 

CJI चंद्रचूड़ मुंबई के एक कार्यक्रम में कहा था, “हमारा , अगला कदम… हर भारतीय भाषा में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की अनुवादित प्रतियां उपलब्ध कराना है।   अदालतों को भारत भर के नागरिकों तक पहुंचने में मदद करने के लिए टेक्नोलोजी के उपयोग पर जोर दिया।” तब भी पीएम मोदी ने उनके इस फैसले की तारीफ की थी।