CAB और उसे लेकर हुई हिंसा पर मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाला प्रतिनिधिनमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचा। सोनिया के अलावा इस डेलिगेशन में सीनियर कांग्रेसी नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, पी चिदंबरम, टीआर बालू, SP नेता रामगोपाल यादव हैं।
विपक्षी प्रतिनिधिनमंडल ने कोविंद को CAB से जुड़ा एक ज्ञापन सौंपा। भेंट के बाद सोनिया ने पत्रकारों को बताया कि मोदी सरकार जनता की आवाज दबा रही है। बकौल सोनिया, “नॉर्थ ईस्ट जैसे हालात देश भर में अब पनप रहे हैं, जिसमें राजधानी दिल्ली भी है। ऐसा इस एक्ट (CAB) की वजह से है। यह बेहद गंभीर स्थिति है। हमें डर है कि यह कहीं और न फैल जाए। पुलिस ने जिस तरह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों से बर्ताव किया, वह वाकई में हैरान करने वाला है।”
वहीं, उन्हीं की पार्टी के गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि केंद्र देश की परवाह नहीं कर रही है। यह कानून देश को बांटने वाला है। आगे, सपा और टीएमसी ने मांग की कि राष्ट्रपति, मोदी सरकार से यह कानून वापस लेने की मांग करें। बता दें कि सोनिया के अलावा इस डेलिगेशन में सीनियर कांग्रेसी नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, पी चिदंबरम, टीआर बालू, SP नेता रामगोपाल यादव हैं। कहा जा रहा है कि ये सभी राष्ट्रपति से भेंटकर नागरिकता कानून पर चर्चा करेंगे।
इसी बीच, शाम को BSP के एस सी मिश्रा ने ANI से कहा कि BSP के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने भी राष्ट्रपति से मिलने के लिए कल सुबह साढ़े 10 बजे का समय दे दिया है।
बता दें कि CAB के खिलाफ उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया था। स्थानीय लोगों ने कई मोटरबाइकों को आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस पर पथराव और कई बसों को नुकसान भी पहुंचाया गया।
हालांकि, प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। कम से कम दो मोहल्लों से धुएं का गुबार उठता दिखा। पुलिस के मुताबिक, फिलहाल स्थिति काबू में है और उपद्रवियों को मौके से हटा दिया गया है।