पिछले कुछ समय से भारत के रिश्ते पड़ोसी देशों के साथ ठीक नहीं हैं। सीमा पर जिस तरह का तनाव इस समय देख जा रहा है ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया है। 45 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है जब चीन के साथ संघर्ष में भारतीय सैनिक मारे गए हैं। हालही में पाकिस्तान ने सीज फायर का उल्लंघन करते हुए भारतीय चौकियों पर गोलाबारी की थी। वहीं नेपाल ने देश का नया नक्‍शा जारी करते हुए भारत के लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र को अपने नए नक्शे में दर्शाया था। जिसके बाद नेपाल के साथ भी भारत का विवाद शुरू हो गया है।

पिछले छह साल में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन- नेपाल और पाकिस्तान तीनों देशों के प्रमुखों संग बैठक की है। इसके बाद भी आज स्थिति इतनी खराब है कि चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं। जब पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ थे तब पीएम नरेंद्र मोदी उनसे मिलने अचानक लाहोर पहुँच गए थे।

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इसके अलावा पीएम मोदी ने नेपाल के प्रधान मंत्री के.पी. शर्मा ओली से भी मुलाक़ात की थी। मोदी ने ओली से नेपाल आने का वादा भी किया था। पीएम ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाक़ात की है। पिछले साल तामिलनाडु के महाबलिपुरम में जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनौपचारिक बैठक की थी। इसके बाद भी पड़ोसी देशों के साथ भारत के रिश्ते बिगड़ते ही जा रहे हैं।

बता दें भारतीय सेना ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है। सेना ने बताया कि इस संघर्ष में 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे और शून्य से कम तापमान वाले ऊंचाई पर स्थित गलवान इलाके में उनकी मौत हो गई।

इससे पहले भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों की मौत हो गई थी। सेना ने मंगलवार रात अपने आधिकारिक बयान में कहा कि गलवान इलाके में अब भारत और चीन दोनों ही देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष बंद हो गया है। इससे पहले 15 और 16 जून की रात दोनों पक्षों में हिंसक संघर्ष हुआ था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारतीय और चीन सैनिकों के बीच हुई झड़म में में चीनी सेना के 43 सैनिक हताहत हुए हैं। इसमें से कुछ की मौत हो गई है और कुछ जख्मी हुए हैं।