जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पर फिर से हमला बोला। इमरान ने आरोप लगाया कि मुनीर अपने शासन को मजबूत करने के लिए अत्याचार का सहारा ले रहे हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुख्य संरक्षक खान ने मुनीर पर अघोषित मार्शल लॉ लागू करने, पिछले फरवरी के चुनाव में लोगों का जनादेश चुराकर शहबाज शरीफ के नेतृत्व में कठपुतली सरकार स्थापित करने और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है।
खान ने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज आसिम मुनीर अपने शासन को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं, जिससे देश कमजोर हो रहा है।’’
क्रिकेट से राजनीति में आए 72 वर्षीय खान कई मामलों में दो साल से अधिक समय से जेल में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों (मुनीर एंड कंपनी) ने जनादेश चुराया है, वे भयभीत हैं। इसी भय की वजह से हमारे खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है।’’
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लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश
इमरान खान ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को ‘‘एकांत कारावास’’ में रखा जा रहा है और ‘‘केवल इस उम्मीद में मानसिक यातना दी जा रही है कि मैं टूट जाऊंगा और अपनी विचारधारा को छोड़ दूंगा’’। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे तोड़ने की कोशिश का असली मकसद लोगों की आवाज को दबाना है।’’
खान ने आगे कहा कि यह वही तरीका है जो जनरल याह्या खान ने 1971 में ढाका हारने से पहले अपनाया था। वह पूर्व सेना प्रमुख जनरल याह्या खान का संदर्भ दे रहे थे, जिनके शासन में पूर्वी पाकिस्तान में गृहयुद्ध हुआ, जिसके बाद बांग्लादेश का उदय हुआ।
खान ने कहा, ‘‘1971 और आज के बीच एकमात्र अंतर यह है कि अब लोग ज़्यादा जागरूक हैं। सोशल मीडिया ने सभी तथ्यों को जनता के सामने उजागर कर दिया है और लोगों ने अत्याचार के खिलाफ अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना सीख लिया है।’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यही कारण है कि यह दमनकारी व्यवस्था जल्द ही समाप्त हो जाएगी। लोगों की आवाज सुनने का समय आ गया है।’’
2022 में हटा दिया गया था इमरान को
खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से हटा दिया गया था। खान ने सरदार अताउल्लाह मेंगल की पुण्यतिथि के अवसर पर बलूचिस्तान में आयोजित एक रैली में हाल ही में हुए बम विस्फोट की भी कड़ी निंदा की, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए थे।