आत्मदाह मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई जांच कमेटी ने शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। जिसके बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के अलावा वाराणसी में तैनात कई पुलिसकर्मियों की मुसीबत बढ़ सकती है।

वाराणसी के एक कॉलेज की पूर्व छात्रा और गाजीपुर निवासी उसके साथी ने नई दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली थी। पीड़िता ने आत्मदाह करने से पहले मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अतुल राय और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद इस मामले में बीते शुक्रवार अमिताभ ठाकुर को युवती को प्रताड़ित करने के आरोप में जेल भेज दिया गया था।

सरकार ने डीजी आरके विश्वकर्मा और हेल्पलाइन-1090 की एडीजी नीरा रावत की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। दोनों ने जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इसके आधार पर माना जा रहा है कि कई पुलिसवालों पर गाज गिर सकती है।

कमेटी ने वाराणसी और मऊ जाकर लोगों के बयान दर्ज़ किए हैं। टीम ने वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अमित पाठक, सीओ अमरेश सिंह बघेल, सब इंस्पेक्टर संजय राय और उसके बेटे से भी पूछताछ की है।

यूपी सरकार ने जांच टीम को मामले की विस्तार से जांच कर रिपोर्ट देने के लिए 15 दिन का समय दिया था। जांच टीम ने 15 दिन की निर्धारित समय सीमा खत्म होने के पहले ही अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।

बता दें कि अतुल राय पर एक लड़की ने रेप का आरोप लगाया था जिसके बाद उन्हें 2019 में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान छिपते फिरना पड़ा था। लोकसभा चुनाव में विजेता घोषित होने के बाद अतुल राय ने आत्मसमर्पण कर दिया था और तब से अतुल जेल में ही हैं।