Bangalore News: IIM बैंगलोर में पढ़ने वाले छात्र निलय पटेल को 5 जनवरी की रात साढ़े 12 बजे पिता कैलाश पटेल ने फोन किया और बर्थडे विश किया लेकिन बर्थडे के वाली रात ही कैंपस में चेकिंग के दौरान निलय का शव मिलने से हड़कंप मच गया। निलय का शव उसके हॉस्टल की बालकनी के नीचे जमीन पर पाया गया। इस घटना ने उनके पिता कैलाश हो अंदर से हिलाकर रख दिया है।
निलय पटेल मूल रूप से गुजरात नवसारी के थे। कैलाश पटेल ने मंगलवार को अपने इकलौते बेटे का अंतिम संस्कार नवसारी के वंसदा तालुका के पालगाभान में किया। अपने बेटे की मौत के बारे में सोचकर वह हैरान हैं और ये सोच रहे हैं कि आखिर उनके बेटे के साथ क्या हुआ? उनके पिता पास कहने को कुछ भी नहीं बचा है।
बेटे की मौत से सदमे में पिता
कैलाश पटेल ने कहा कि हमने दुनिया में वह सब कुछ खो दिया है जिसके लिए हमने बचत की थी। हमने उसके लिए अच्छी शिक्षा और फिर उसकी शादी और बाद में अपने पोते-पोतियों के साथ खेलने का सपना देखा था। हमारे सारे सपने खत्म हो गए हैं। निलय पोस्ट ग्रेजुएट के दूसरे साल का छात्र था। बेंगलुरु माइको लेआउट पुलिस ने निलय की मौत का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
निलय की मौत को लेकर क्या है संदेह
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कैलाश पटेल ने कहा कि जब मैं दूसरी मंजिल पर स्थित उसके हॉस्टल के कमरे में पहुंचा, तो उसकी किताबें बिस्तर पर पड़ी थीं और खुली हुई थीं, जिससे पता चलता है कि घटना से पहले वह पढ़ाई कर रहा होगा। उसके कपड़े दरवाजे के पीछे बड़े करीने से टंगे हुए थे। सब कुछ व्यवस्थित था। हमें संदेह है कि निलय पढ़ाई करते-करते थक गया होगा और शायद ताजी हवा के लिए बालकनी में चला गया होगा। वह गिर गया होगा।
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कैंपस प्लेसमेंट के लिए कर रहा था तैयारी
उन्होंने कहा कि वह हॉस्टल के कमरे में अकेला रह रहा था, जिसमें बालकनी लगी हुई थी। बालकनी की रेलिंग की ऊंचाई करीब 2.5 फीट थी और निलय की लंबाई छह फीट से ज्यादा थी। वे अपने बेटे की सफलता को लेकर गौरवान्वित थे। उन्होंने कहा कि हाल ही में आईआईएम के 500 छात्रों के बीच हुई प्रतियोगिता में निलय कोलकाता के एक छात्र से दूसरे स्थान पर आया था। वे कहते हैं कि निलय अगले दिन (सोमवार) कैंपस प्लेसमेंट की तैयारी कर रहा था और वह सेलेक्शन के लिए एक्साइटेड था।
कैलाश पटेल बिजली कंपनी में करते हैं काम
कैलाश पटेल सरकारी स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनी दक्षिण गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (DGVCL) में कार्यरत हैं और सूरत में तैनात हैं। उन्हें कॉलेज कैंपस में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा पहले दिन ही इंटर्नशिप के लिए चुना गया था और उन्होंने दो महीने तक काम किया। अपने पांचवें सेमेस्टर में, उन्हें फ्रांस के नॉरमैंडी बिजनेस स्कूल में एक छात्र विनिमय कार्यक्रम के लिए चुना गया था। वर्तमान में वह दो महीने शेष रहते हुए अंतिम सेमेस्टर में था और उसे कॉलेज कैंपस में प्लेसमेंट में भाग लेना था।
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पिता बोले- निलय पटेल को नहीं है कोई परेशानी
बेटे की मौत पर दुखी पिता ने कहा कि उसके जीवन में कोई तनाव या परेशानी नहीं थी। हमें उस पर गर्व है और हम उससे बहुत प्यार करते थे और हमेशा उसके फैसलों का समर्थन करते थे। आईआईएम में पढ़ना उसका सपना था और हमने सहमति जताई और उसे दाखिला मिल गया। पिछले दो सालों से वह अच्छी तरह से पढ़ाई कर रहा था और संस्थान में टॉपर्स में से एक था। यहां तक कि उसके कॉलेज के साथी भी उसकी मेहनत और बुद्धिमत्ता की सराहना करते थे।
निलय ने 2019 में सूरत के सरदार पटेल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बी.टेक की पढ़ाई 8 सीजीपीए के साथ पूरी की थी। आईआईएमबी में दाखिला लेने से पहले उन्होंने कुछ साल एक निजी फर्म में भी काम किया था। निलय के पिता मां दीप्ति और उनके भाई स्नेहल पटेल रविवार को आईआईएम कैंपस पहुंचे और कॉलेज अधिकारियों और उसके सहपाठियों से मिले।
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निलय पटेल के बर्थडे पर हुई थी पार्टी
निलय पटेल ने बताया कि 5 जनवरी को निलय का जन्मदिन था। इसलिए उसके तीन सहपाठियों ने उसे किसी काम से रात में दूसरी बिल्डिंग के कमरे में जाने को कहा। कमरे में टेबल पर मोमबत्तियों वाला केक रखा देखकर निलय हैरान रह गया। सहपाठियों में से एक ने पूरी पार्टी का वीडियो बना लिया था। रात करीब 12:30 बजे वह अपने कमरे में वापस आया। घटना (निलय की मौत) रविवार को रात 1 बजे से सुबह 6:30 बजे के बीच हुई।
निलय का शव सुरक्षा गार्ड ने सुबह करीब 6.30 बजे देखा और कॉलेज प्रशासन को इसकी सूचना दी। पिता के अनुसार, पोस्टमार्टम में कई आंतरिक चोटों का पता चला है, जिसमें उसकी पसलियों और किडनी को नुकसान भी शामिल है, जो उसकी मौत का कारण हो सकता है।
पिता का कहना है कि उन्होंने कॉलेज के अधिकारियों से हॉस्टल के कमरों के बाहर के क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज के लिए भी अनुरोध किया, लेकिन पाया कि अधिकारियों ने वहां कैमरे नहीं लगाए थे। पटेल कहते हैं, “कॉलेज के अधिकारियों को एक स्वतंत्र फर्म से हॉस्टल के कमरों का सुरक्षा ऑडिट करवाना चाहिए और बालकनी में सुरक्षा दीवार की ऊंचाई भी बढ़ानी चाहिए, ताकि ऐसी कोई घटना दोबारा न हो। कर्नाटक से जुड़ी अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए अन्य लिंक पर क्लिक करें।