कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि चार साल तक केन्द्र की सत्ता में काबिज रहने के बाद भी भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार शिक्षा, रोजगार और कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में नाकाम रही है। संसद में पेश 2017-18 की आर्थिक समीक्षा पर जारी प्रतिकिया में चिदंबरम ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के चार साल सत्ता में रहने के बावजूद कृषि क्षेत्र के हालात में बदतर बने हुये हैं। ‘‘वास्तविक कृषि क्षेत्र वृद्धि और वास्तविक कृषि राजस्व यथावत ही हैं।’’ इससे पता चलता है कि कृषि क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया गया।
2. BJP should not distort and deflect the debate on jobs. BJP should tell us how many regular jobs were created in the last three years.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 29, 2018
चिदंबरम ने अपने ट्वीट कर सरकार के दावों पर सवाल करते हुए कहा कि यदि पकौड़ा बेचना भी नौकरी है तो फिर भीख मांगने को भी रोजगार के एक विकल्प के तौर पर देखना चाहिए। एक बाद एक किए गए कई ट्वीट्स में चिदंबरम ने कहा कि सरकार नौकरियों के अवसर पैदा करने के मामले में पूरी तरह से फेल है और उसे कुछ सूझ नहीं रहा है।
1. A young man who sells pakodas is honourably self-employed, but poor and aspirational. Ask him and he will tell you that he aspires for a regular and secure job. I empathise with him.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 29, 2018
चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 6.75 प्रतिशत रहने के समीक्षा में किये गये दावे पर भी उन्होंने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक वृद्धि 6 प्रतिशत रही है, इसे देखते हुये लगता है कि साल की समाप्ति पर आर्थिक वृद्धि 6 से 6.5 प्रतिशत रह सकती है। इसके अधिक रहने के समर्थन में कोई तथ्य समीक्षा में नहीं दिये गये हैं।
प्रतिक्रिया में समीक्षा के पैराग्राफ का हवाला देते उन्होंने कहा है कि सरकार की शौचालय, जनधन खाता, एलपीजी कनेक्शन और गांवों के विद्युतीकरण जैसे प्रमुख कार्यक्रम भी कोई ठोस परिणाम हासिल नहीं कर पाये हैं। उन्होंने कहा कि समीक्षा में राजकोषीय घाटे और चालू खाते के घाटे को संवेदनशील बताया गया है। इससे राजकोषीय मजबूती में धीमी प्रगति का संकेत मिलता है। इससे सरकार के आर्थिक स्थिति मजबूत होने का दावा झूठा साबित होता है।