सीनियर कांग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की भूमिका पर सवालिया निशान लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि 13 बड़ी बैठकों (आर्थिक मसलों से जुड़ी) में सीतारमण को नहीं बुलाया गया। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनमें आत्मविश्वास की कमी लगती है, तब वह उन्हें हटाते क्यों नहीं हैं?
चव्हाण ने महाराष्ट्र के पुणे में बुधवार को पत्रकारों से कहा, “पीएम और गृह मंत्री ने कम से कम 13 बार बैठकें बुलाईं, पर इनमें से किसी के लिए भी वित्त मंत्री को न्यौता नहीं भेजा गया। क्या यह संकेत नहीं देता कि पीएम को उनमें आत्मविश्वास की कमी लगती है? अगर ऐसा है, तब उन्हें (सीतारमण) हटा दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि देश का आगामी केंद्रीय बजट पीएम मोदी द्वारा तैयार कराया जा रहा है, न कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा। बकौल कांग्रेसी नेता, “अगर पीएम उनके परफॉर्मेंस से खुश नहीं है, तब सीतारमण की जगह उन्हें किसी और योग्य व्यक्ति को रखना चाहिए। केंद्रीय बजट संबंधी चर्चाओं से वित्त मंत्री को बाहर रखना सरकार की छवि के लिए अच्छा संकेत नहीं है।”
चव्हाण के मुताबिक, भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केंद्रीय बजट से जुड़ी बैठकें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में हुई हैं। पारंपरिक तौर पर पूर्व बजट बैठकें वित्त मंत्रालय कराता है। हालांकि, इस साल ये सब पीएमओ में हुआ आर वित्त मंत्री को उसमें बुलाया भी नहीं गया।
हालांकि, रविवार (19 जनवरी, 2020) को सीतारमण ने इस मसले पर सफाई दी। और, अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने से संबंधित पीएम द्वारा बुलाई बैठकों में न जाने को लेकर निशाना साधने वालों को जवाब दिया। उन्होंने कहा था- पीएम की मंजूरी के बाद ही मैं दूसरे कार्यक्रम में शरीक हुई थी। पर कुछ लोग बगैर तथ्य जाने ही बयान दे रहे हैं।
खासकर सोशल मीडिया पर आलोचना करने वालों को लेकर वित्त मंत्री बोलीं थीं, “कुछ लोगों का कहना था कि मैं गृह मंत्री की भूमिका में हूं। और, देश भर में घूम-घूम कर लोगों को सीएए समझा रही हूं। हमारे खुद के काम होते हैं। यह सरकार एक है और इसलिए मैं जगह-जगह जाती हूं और सीएए पर बात करती हूं। मैं अपने काम पर ध्यान देती हूं। हमें 10 दिनों का वक्त बजट पेश करने के लिए मिला है और उसी पर फिलहाल काम जारी है।”