भारत में कोरोना संक्रमण के मामले नवंबर के मध्य में चरम पर रह सकते हैं। ICMR की एक कथित स्टडी में इसका खुलासा होने की बात कही जा रही थी लेकिन अब आईसीएमआर ने साफ कर दिया है यह खबर गलत है और उन्होंने इस संबंध में कोई स्टडी नहीं की है। आईसीएमआर ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से नकार दिया है।
बता दें कि इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ICMR ने एक स्टडी की है, जिसमें कहा गया है कि देश में कोरोना वायरस के मामले अक्टूबर माह की शुरुआत तक बढ़ते रहेंगे। स्टडी में कहा गया है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते भारत में कोरोना संक्रमण चरम पर पहुंचने की समयवधि 34-76 दिन आगे शिफ्ट हो गई है। इसके अनुसार, यदि लॉकडाउन नहीं होता तो देश में कोरोना के मामले जुलाई के मध्य में चरम पर होते लेकिन अब ये नवंबर के मध्य में चरम पर जा सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया था कि ICMR (Indian Coucil of Medical Reserach) ने पीजीआई चंडीगढ़ और नेशनल कोविड 19 टास्कफोर्स- ऑपरेशन रिसर्च ग्रुप के साथ मिलकर यह स्टडी की है। इसके अनुसार, भारत में लॉकडाउन के बाद जब से इकॉनोमी को फिर से शुरू करने की कोशिश हो रही है, तब से मुंबई, दिल्ली और चेन्नई में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि भारत में कोविड19 का मोर्टेलिटी रेट प्रति एक हजार पर 1.6 मौत का है। मौजूदा आइसोलेशन वार्ड, आईसीयू बेड और वेंटीलेटर्स सिर्फ सितंबर के तीसरे हफ्ते तक भर जाएंगे। मौजूदा परिदृश्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को 60 फीसदी तक प्रभावी बनाने का प्रयास नवंबर के पहले हफ्ते तक पूरा हो सकेगा।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता इस बात को लेकर है कि दिल्ली, मुंबई जैसी जगहों पर पहले से ही अस्पताल कोरोना मरीजों से भर चुके हैं और अब ये बेड और वेंटिलेटर्स की कमी से जूझ रहे हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक इसी रफ्तार से दिल्ली में केस बढ़ते रहे तो जुलाई के अंत तक राजधानी में 80 हजार बेड की जरुरत होगी।
दिल्ली में जून के अंत तक ही करीब एक लाख कोरोना मरीज हो जाएंगे और उसे 15 हजार बेड की जरुरत होगी। रविवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में दिल्ली सीएम केजरीवाल, एलजी अनिल बैजल और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी जाएगी और कंटेनमेंट जोन के हर पोलिंग बूथ पर टेस्टिंग की सुविधा दी जाएगी। केन्द्र ने दिल्ली में बेड की कमी को दूर करने के लिए 500 रेल कोच देने का ऐलान भी किया है, जिनमें मरोजों को आइसोलेट कर उनका इलाज किया जा सकेगा।