केंद्र सरकार की ओर से हाल ही लाई गई अग्निपथ योजना पर देश भर में चर्चा हो रही है। कुछ रक्षा विशेषज्ञ सरकार की इस नई योजना पर सवाल खड़ा कर रहे हैं तो वहीं कुछ इसका समर्थन कर रहे हैं। इस योजना के लेकर आज तक पर एक टीबी डिबेट आयोजित की गई है, जिसमें कर्नल दिनेश नैने (रिटायर) ने कई सवाल खड़े किए।
कर्नल नैने ने कहा कि हमारे पास चीन और पाकिस्तान से लगता हुआ एक बड़ा बॉर्डर है, जिसकी सुरक्षा कोई एआई या फिर किसी भी अन्य माध्यम के जरिए नहीं कर सकते हैं। बॉर्डर की सुरक्षा के लिए आपको एक प्रोफेशनल ट्रेंड सैनिक की जरूरत होगी, जिनकी आप संख्या घटाकर 25 फीसदी करने जा रहे हो। उन्होंने आगे कहा कि सेना से हर साल 60 हजार से ज्यादा सैनिक रिटायर होते हैं। क्या कभी किसी को प्राइवेट कंपनी ने इन लोगों को नौकरी पर रखा।
अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि 4 साल नौकरी में 6 महीने की ट्रेनिंग, कुछ महीनों की छुट्टियां होगी और नौकरी केवल 2 साल की होगी। ऐसे में वो कोई क्या सीख पाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि सेना के मौजूदा ढांचे ने आपको 1947, 1965, 1971 और 1999 में हुई कारगिल की जंग जीत कर दी है मैं सवाल करना चाहता हूं कि कौन लोग है जो सेना की कैंटीन बंद करना चाहते हैं और कैंटोनमेंट की सुरक्षा को खतरे में डालना चाहते हैं। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आईएएस लॉबी है जो हमारी सेना का स्तर गिराना चाहती है और यह बात हमारी राजनीति के लोग नहीं समझ रहे हैं।
इस पर भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमने सीडीएस बनाया, जिसकी रैंक कैबिनेट के सचिव से ऊपर होती है। डिफेंस ही एक ऐसा मंत्रालय जहां पर कैबिनेट सचिव की रैंक सेना अध्यक्ष से ऊपर होती है। इसे कृपया आईएएस लॉबी से जोड़कर न देंखे। उन्होंने कहा कि सेना से जब अग्निवीर निकल कर आएगा, तो उसकी उम्र वह होगी जहां पर लोग अपने कैरियर की शुरुआत करते हैं। क्या आपको नहीं लगता कि कोई अग्निवीर पुलिस या फिर अन्य भर्ती में दूसरों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करेगा।