Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारतीय सेना के जवानों की शहादत को याद किया गया। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर में आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने 1962 में लद्दाख के हमारे इलाकों पर कब्जा कर लिया था, तब पंडित नेहरू हमारे प्रधानमंत्री थे। मैं उनकी नीयत पर सवाल नहीं उठाऊंगा, उनकी नीति गलत हो सकती है।”

राजनाथ सिंह ने कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के जवानों की वीरता, शौर्य और बलिदान को याद करते हुए कहा, “भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने जो बलिदान दिया है उसकी जितनी भी चर्चा की जाये कम है। मैं उनके माता पिता को भी शीश झुका कर नमन करता हूँ जिन्होंने ऐसे बहादुरों को जन्म दिया है।”

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भारत दुनिया के शक्तिशाली देशों में से एक है। रक्षा मंत्री ने कहा, “पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत की संसद में प्रस्ताव पारित हुआ था। पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा था, भारत का हिस्सा है और रहेगा। ये कैसा हो सकता है कि शिव के स्वरूप बाबा अमरनाथ हमारे यहां हो और मां शारदा शक्ति स्वरूपा एलओसी के पार हो।”

भारत की गिनती दुनिया के टॉप 25 डिफेंस एक्पोर्टर में- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हमारा देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। हमने तय किया है कि मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड। आज हालात बदल गए हैं पहले भारत केवल डिफेंस इंपोर्टर के रूप में जाना जाता था। आज भारत की गिनती दुनिया के टॉप 25 डिफेंस एक्पोर्टर के रूप में होती है।

उन्होंने कहा कि 1948 में पहली बार भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को नाकाम किया और आज जो जम्मू और कश्मीर का जो स्वरूप हम देख रहे है उसे बनाने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि 1965 और 1971 की लड़ाई में बुरी तरह परास्त होने के बाद पाकिस्तान ने सीधी जंग का रास्ता छोड़कर प्रॉक्सी वार का रास्ता पकड़ लिया।