CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ की स्थापना के 20 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान सीजेआई ने जस्टिस महादेवन का जिक्र किया। महादेवन को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किए गया है। इससे पहले वो मद्रास हाई कोर्ट के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे।

चंद्रचूड़ ने कहा, ‘कल भाई जस्टिस महादेवन के शपथ ग्रहण के बाद तमिलनाडु के वकीलों का एक बड़ा ग्रुप एकत्रित हुआ था। मैं उनके पास गया और उनसे माफी मांगी। मैंने माफी मांगते हुए कहा, मुझे खेद है कि मैंने मद्रास के सबसे बेहतरीन जजों में से एक को चुरा लिया है। वकीलों ने मुझसे कहा कि अगर आप चीफ जस्टिस माफी मांग रहे हैं, तो आपको जस्टिस सुंदरेश की नियुक्ति के लिए भी दो बार माफ़ी मांगनी चाहिए, क्योंकि आपने हमसे दो बार चोरी की है।’

CJI ने Microsoft Outage का किया जिक्र

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कल हमें माइक्रोसॉफ्ट में तकनीकी व्यवधान ने हमें तकनीकी निर्भरता के प्रतिकूल प्रभाव दिखाए। उन्होंने कहा कि तकनीकी निर्भरता के अपने नुकसान हैं। सीजेआई ने कहा ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट में हुई गड़बड़ी के कारण दुनिया भर में कई कंप्यूटर और सर्वर ठप्प हो गए तथा सेवाएं और दूरसंचार ठप्प हो गए। उन्होंने कहा कि Outage की वजह से दिल्ली से मदुरै जाने वाली उनकी उड़ान लगभग रद्द हो गई थी।

सीजेआई ने कहा , ” मैं प्रौद्योगिकी के लाभों में दृढ़ विश्वास रखता हूं और कल ही हमने प्रौद्योगिकी पर निर्भरता के प्रतिकूल प्रभाव देखे। माइक्रोसॉफ्ट की विफलता के बाद पूरे देश में उड़ानें रद्द कर दी गईं। दिल्ली से कई उड़ानें रद्द कर दी गईं, लेकिन मुझे लगता है कि यह मदुरै के लोगों का प्यार है जो मुझ पर बरसा है, जिसने आज आप सभी के बीच मेरी उपस्थिति सुनिश्चित की है। “

हालांकि रिपोर्टों के अनुसार , प्रारंभिक धारणाओं के विपरीत, यह समस्या माइक्रोसॉफ्ट के कारण नहीं बल्कि अमेरिका स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी क्राउडस्ट्राइक के हालिया अपडेट के कारण उत्पन्न हुई थी।

बीएसओडी एक गंभीर त्रुटि स्क्रीन है जो सिस्टम को स्थिर कर देती है, जिससे वह अस्थायी रूप से अनुपयोगी हो जाता है। माइक्रोसॉफ्ट आउटेज के कारण सुप्रीम कोर्ट के कुछ कोर्ट रूम की लाइव स्ट्रीमिंग पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

जिन अदालतों में लाइवस्ट्रीम नहीं हो सकी, वहां वकीलों को शीर्ष अदालत में आकर बहस करने के लिए मजबूर होना पड़ा और कई वकीलों को अपने मामलों को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।