सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि एग्जाम में अंक और रैंक यह तय नहीं करते कि छात्र कितना कामयाब होगा। उस को सफलता मेहनत, लगन और समर्पण से मिलती है। CJI गोवा के वीएम सालगांवकर लॉ कॉलेज के स्वर्ण जयंती समापन समारोह में बोल रहे थे। सीजेआई गवई ने अपने छात्र जीवन को याद किया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश गवई ने लॉ के स्टूडेंट्स से कहा कि जब वह पहले दो सालों के दौरान सरकारी लॉ कॉलेज में पढ़ रहे थे, तो वह एक परिसर की दीवार पर बैठते थे और अपनी अटेंडेंस लगाने के लिए दोस्तों पर निर्भर रहते थे। सीजेआई ने कहा, “फिर मुझे अमरावती जाना पड़ा। अमरावती में मुझे लगता है कि मैं शायद आधा दर्जन बार कॉलेज गया होगा। मेरे एक दोस्त, जो बाद में हाई कोर्ट के जज बने, मेरी अटेंडेंस लगवाते थे।”
मैं देश का मुख्य न्यायाधीश बना – सीजेआई गवई
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “मैं सिर्फ एक उदाहरण दूंगा। जब परिणाम घोषित हुए, तो एक टॉपर था। मैं उसका नाम नहीं लेना चाहता। फिर, मेरा दोस्त। दूसरे नंबर पर था। मैं कॉलेज गए बिना ही मेरिट लिस्ट में तीसरे नंबर पर था। पांच साल के हल किए गए पेपर और किताबों को पढ़कर। तो, जो छात्र नंबर एक था; वह एक क्रिमिनल लॉयर बना। मेरिट लिस्ट में दूसरे नंबर पर आने वाला मेरा दोस्त हाईकोर्ट का जज बन गया और आज मैं भारत का मुख्य न्यायाधीश हूं। इसलिए, परीक्षा में अपने रैंक पर मत जाइए। परीक्षा परिणाम यह निर्धारित नहीं करते कि आप क्या सफलता हासिल करेंगे। यह आपका दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत, समर्पण और पेशे के प्रति प्रतिबद्धता है जो मायने रखती है।”
सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों से वरिष्ठ नहीं होते CJI
समुद्र किनारे ज्यादा समय बिताते थे जस्टिस महेश एस सोनक
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस महेश एस सोनक ने खुद को एक आउट स्टैंडिंग छात्र बताया था और माना था कि लॉ की पढ़ाई के दौरान वे क्लास के बजाय समुद्र के किनारे ज्यादा वक्त बिताते थे। जस्टिस सोनक ने कहा, “व्यक्तिगत तौर पर, इस जगह से जुड़ी मेरी कई खूबसूरत यादें जुड़ी हैं। यह जगह पणजी के फेमस मीरामार बीच से मुश्किल से 200 मीटर की दूरी पर है। उस समय, इस कॉलेज में मिलने वाली लॉ की क्लास या शानदार लॉ लाइब्रेरी से कहीं ज्यादा मनमोहक, समुद्र के किनारे का आकर्षण हुआ करता था। इसलिए, मुझे यह मानना होगा कि हम ज्यादातर समुद्र तट पर ही रहते थे और कक्षाओं या लाइब्रेरी से बाहर।”
ये भी पढ़ें: ‘रिटायर होने के बाद समय पर सरकारी आवास खाली कर दूंगा’, आखिर सीजेआई बीआर गवई ने क्यों कही यह बात