D K Shivakumar On Centre: कर्नाटक सरकार अन्ना भाग्य योजना को राज्य में लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसको लेकर कर्नाटक सरकार पंजाब, छत्तीसगढ़ और अन्य पड़ोसी राज्यों से अनाज खरीदने की योजना बना रहा है। हालांकि, इससे पहले केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) के स्टॉक से राज्य सरकारों को गेहूं और चावल की बिक्री पर रोक लगा दी है। इसी मुद्दे को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

हमें किसी से मुफ्त चावल नहीं चाहिए: डीके शिवकुमार

डीके शिवकुमार ने मंगलवार को बेंगलुरु में कहा, ‘हमने पंजाब, छत्तीसगढ़ और अन्य पड़ोसी राज्यों से बात की है। हम उनसे अनाज खरीदने जा रहे हैं। शिवकुमार ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि गरीबों के पेट पर राजनीति न करें, आप अपना चावल नहीं दे रहे हैं यह किसानों का चावल है। हमें किसी से मुफ्त चावल नहीं चाहिए, कर्नाटक सरकार खरीदने में सक्षम है।’

14 जून को FCI ने हमें पत्र लिखा: सिद्धरमैया

राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा, ‘FCI ने राज्य को खाद्यान्न आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी। 13 जून को उपभोक्ता मंत्रालय ने FCI को खाद्यान्न की आपूर्ति रोकने के लिए पत्र लिखा और 14 जून को FCI ने हमें पत्र लिखा कि वे खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं कर सकते, इसका मतलब क्या है? सिद्धरमैया ने कहा कि अगर स्टॉक नहीं है तो FCI हमें खाद्यान्न देने के लिए क्यों राजी हुआ, उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से कहा है कि उनके पास 7 लाख मीट्रिक टन चावल उपलब्ध है। यह नफरत की राजनीति है।’

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया पलटवार

सिद्धरमैया के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ’80 करोड़ देशवासियों को हम 5 किलो मुफ्त चावल दे रहे हैं, इसलिए बाकी 60 करोड़ लोगों के लिए संतुलन बनाए रखने के लिए हम व्यवस्था कर रहे हैं। यह सिर्फ कर्नाटक के लिए नहीं है, भाजपा शासित राज्यों में जो 5 किलो चावल दिया जा रहा है। उसकी व्यवस्था राज्य सरकार कर रही है। कर्नाटक सरकार भी इसकी व्यवस्था करे।’

अन्ना भाग्य योजना को लागू करने जा रही कर्नाटक सरकार

दरअसल, कर्नाटक सरकार अपनी दूसरी गारंटी योजना में सभी बीपीएल परिवारों को प्रति व्यक्ति हर माह 10 किलो खाद्यान्न देने वाली अन्ना भाग्य स्कीम को लागू करने की तैयारी में है, लेकिन इसको उस वक्त झटका लगा, जब केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक नोट जारी कर भारतीय खाद्या निगम के स्टॉक से राज्य सरकारों को गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी। जिसको लेकर अब केंद्र और कर्नाटक सरकार आमने-सामने आ गए हैं।