कांग्रेस को तेलंगाना में बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को राज्य में 18 में से 12 विधायकों ने पार्टी छोड़ सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल होने का फैसला लिया है। इन विधायकों ने विधानसभा स्पीकर पी.श्रीनिवास रेड्डी से भेंटकर टीआरएस के साथ कांग्रेस विधायक दल के विलय को लेकर उन्हें अर्जी दी। बता दें कि सूबे की 119 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या तब 18 हो गई थी, जब पार्टी की तेलंगाना इकाई के प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी ने नलगोंडा से लोकसभा में चुने जाने के बाद विधानसभा सदस्यता से बुधवार (पांच जून, 2019) को इस्तीफा दे दिया था।
तंदूर से कांग्रेस विधायक रोहित रेड्डी ने नाटकीय घटनाक्रम के तहत मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे और टीआरएस के कार्यवाहक अध्यक्ष के टी रामा राव से मुलाकात की और सत्तारूढ गठबंधन के प्रति अपनी वफादारी का संकल्प लिया। दरअसल, कांग्रेस के 11 विधायकों ने मार्च में घोषणा की थी कि वे टीआरएस में शामिल होंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक जी वेंकट रमन रेड्डी के हवाले से ‘पीटीआई-भाषा’ की रिपोर्ट में बताया गया कि 12 विधायकों ने राज्य के विकास के लिए मुख्यमंत्री के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। रेड्डी के मुताबिक, उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को एक प्रतिवेदन देकर टीआरएस में विलय का अनुरोध किया है।
बकौल रेड्डी, ‘‘कांग्रेस विधायक दल की हमारी एक विशेष बैठक हुई। इसके 12 सदस्यों ने मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व को समर्थन दिया और वे उनके साथ काम करना चाहते हैं। हमने अध्यक्ष को प्रतिवेदन दिया और उनसे टीआरएस के साथ हमारे विलय का अनुरोध किया।’’
उधर, तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष एन.उत्तम कुमार रेड्डी ने मीडिया से कहा- हम लोकतांत्रिक तरीके से लड़ेंगे। हम सुबह से स्पीकर को खोज रहे हैं, पर वह हमें मिले ही नहीं। आप लोग भी उन्हें ढूंढने में हमारी मदद करें।
अधिकारियों ने बताया कि 12 विधायक कांग्रेस विधायक दल की संख्या का दो तिहाई है यानी उन पर दलबदल विरोधी कानून के प्रावधान लागू नहीं होंगे। अगर अध्यक्ष उनकी अर्जी स्वीकार कर लेते हैं, तब कांग्रेस विपक्षी दल का दर्जा खो सकती है क्योंकि उसकी संख्या केवल छह रह जाएगी।
विधानसभा में हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के सात सदस्य हैं जबकि भाजपा का केवल एक सदस्य है। विधानसभा के लिए पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव में टीआरएस ने 88 सीटें जीती थीं।