हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को मानहानि के एक मामले में अदालत के सामने हाजिर ना होने के कारण वारंट जारी किया गया है। दिग्विजय सिंह के खिलाफ साल 2017 में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एक नेता ने मामला दर्ज कराया था।
एआईएमआईएम नेता एस ए हुसैन अनवर ने दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मानहानि की और कहा कि हैदराबाद के सांसद की पार्टी वित्तीय लाभों के लिए दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ रही है। याचिकाकर्ता के वकील मोहम्मद आसिफ अमजद ने कहा कि उन्होंने दिग्विजय सिंह और लेख प्रकाशित करने वाले एक उर्दू दैनिक के संपादक दोनों को कानूनी नोटिस भेजे थे।
A local court in Hyderabad issues Non-Bailable Warrant (NBW) against senior @INCIndia leader @digvijaya_28 for not appearing before it in connection with a defamation case filed against him in 2017
— Live Law (@LiveLawIndia) February 22, 2021
याचिकाकर्ता के वकील मोहम्मद आसिफ अमजद ने दोनों को नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा था लेकिन उन दोनों ने जवाब नहीं दिया जिसके बाद उन्होंने अदालत का रुख किया। सुनवाई की पिछली तारीख के दौरान स्थानीय अदालत ने निर्देश दिया था कि दिग्विजय सिंह और उर्दू अख़बार के संपादक 22 फरवरी को उसके समक्ष उपस्थित हों। हालाँकि संपादक तो उपस्थित रहे लेकिन दिग्विजय सिंह अदालत में पेश नहीं हुए।
सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों पर सुनवाई के लिये गठित विशेष अदालत ने दिग्विजय सिंह को उपस्थित होने में विफल रहने के बाद गैर जमानती वारंट जारी किया। हालाँकि दिग्विजय सिंह के वकील ने एक याचिका भी दायर की थी। दिग्विजय सिंह के वकील ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कोर्ट में उपस्थित रहने से छूट की मांग की थी। लेकिन अदालत ने याचिका को नामंजूर करते हुए वारंट जारी कर दिया।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ मार्च की तारीख तय की है। हालाँकि दिग्विजय सिंह के वकील ने कार्यवाही को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष पहले ही रोक को बढ़ाने के लिये याचिका दायर कर दी है।