अलगाववादी संगठन हुर्रियत संगठन का कहना है कि पाक अधिकृत कश्‍मीर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी से उन्‍हें कोई परेशानी नहीं है। क्‍योंकि भारत की तरह चीन ने कश्‍मीर पर जबरदस्‍ती हमला नहीं किया है। हुर्रियत के प्रवक्‍ता ने जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्‍यक्ष उमर अब्‍दुल्‍ला के इस संबंध में दिए गए बयान को परिपक्‍व और सच से परे बताया। रविवार को उमर ने पाक अधिकृत कश्‍मीर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी पर अलगाववादियों की चुप्‍पी की आलोचना की थी। हुर्रियत प्रवक्‍ता ने कहा,’आजाद कश्‍मीर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी पाकिस्‍तान और चीन की आपसी सह‍मति के कारण है। यह पाक-चीन के आर्थिक कॉरिडोर प्रक्रिया का हिस्‍सा है। आजादी समर्थकों को इस कदम का विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है।’

हुर्रियत ने कहा कि चीन कश्‍मीरी लोगों की पहचान का समर्थक है। इसलिए चीनी सेना की निर्दय भारतीय सेना से तुलना करने का कोई कारण नहीं है। भारतीय सेना ने पिछले 68 सालों में योजनाबद्ध तरीके से कश्‍मीरी लोगों का नरसंहार किया है। उन्‍होंने कहा,’ भारत का लंबे समय से चीन से सीमा विवाद है। अरुणाचल प्रदेश समेत भारत के कई राज्‍यों की सीमा को लेकर दोनों देशों में तनाव है। जहां तक कश्‍मीर की बात है तो यह अलग मुद्दा है।’ उन्‍होंने कहा‍ कि चीन ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे कश्‍मीर की स्‍वायत्‍ता और सम्‍मान को खतरा पैदा हो। चीन कश्‍मीर की स्‍वतंत्रता का समर्थक है। वह मानता है कि कश्‍मीर में भारत ने बलपूर्वक अवैध कब्‍जा कर रखा है।

बता दें कि कुपवाड़ा जिले के नौगांव और तंगधार सेक्‍टर से लगती पाक अधिकृत कश्‍मीर की सीमा पर चीनी सैनिक नजर आए थे। पाक अधिकृत कश्‍मीर में चीनी कंपनी हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट बना रही है।