देश की राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की केमिस्ट्री की चर्चा हमेशा होती रहती है। बीजेपी में भी इन दोनों नेताओं की ताकत काफी मानी जाती है और सभी अहम फैसलों में उनकी सक्रिय भूमिका रहती है। पीएम मोदी और अमित शाह एक-दूसरे को कई सालों से जानते हैं। आरएसएस से लेकर बीजेपी में आने तक उनका सफर लगभग एक जैसा ही रहा है।
पीएम मोदी से शाह की पहली मुलाकात
आज तक को दिए एक इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी केमिस्ट्री पर विस्तार से बात की। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी नरेंद्र मोदी से पहली मुलाकात कब हुई थी और आखिर कैसे दोनों दोस्त बने। शाह कहते हैं कि 80 के दशक में नरेंद्र मोदी आरएसएस के लिए काम करते थे। तभी एक कार्यक्रम के लिए वह अहमदाबाद आए थे। वह कार्यक्रम युवाओं को लेकर था और उसी का हिस्सा खुद शाह भी थे। शाह के मुताबिक, उस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बहुत कम समय में संघ के सिद्धांत से लेकर देश को बदलने की दिशा तक समझा दी थी।
मोदी के साथ केमिस्ट्री पर शाह
पीएम मोदी के साथ अपनी केमिस्ट्री को लेकर भी शाह ने दिल से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जब भी वह बीजेपी के अध्यक्ष बने थे, तब उसमें प्रधानमंत्री मोदी की अहम भूमिका रही थी। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि यह अकेले पीएम का फैसला था। पूरी पार्टी का वह निर्णय था। मेरे अलावा और भी नेता अध्यक्ष बने हैं। सिर्फ यह कह देना कि मेरी और मोदी जी की केमिस्ट्री की वजह से सब हुआ, यह गलत होगा।
गुजरात टू दिल्ली, कितनी बदली मोदी पॉलिटिक्स?
आज तक के इंटरव्यू में शाह से यह सवाल भी पूछा गया कि पीएम मोदी की जिंदगी गुजरात से दिल्ली तक कैसे बदली। इस पर उन्होंने कहा कि गुजरात में भी पीएम मोदी के लिए हमेशा राष्ट्र सबसे पहले था। हां, इतना जरूर है कि गुजरात की समस्याओं का स्वरूप अलग था और देश की राजनीति में चुनौतियां अलग हैं। जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब एक गांव में केवल 8 घंटे बिजली आती थी और लोग अंधेरे में जीते थे। बाद में उसी राज्य ने 24 घंटे बिजली देने का काम किया। गुजरात में पहले बच्चियों को कई बार जन्म से पहले ही मार दिया जाता था। ऐसे में वहीं से पहली बार “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की यात्रा शुरू की गई थी।