West Bengal News: कोलकाता के मेयर और राज्य के शहरी विकास व नगरपालिका मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया। भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि टीएमसी नेता ने प्रधानमंत्री का अपमान किया और ऑपरेशन सिंदूर को कमतर आंकने की कोशिश की। टीएमसी ने हकीम की टिप्पणी पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

मीडिया से बात करते हुए हकीम ने दावा किया, ‘भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। प्रधानमंत्री यह दावा कैसे कर सकते हैं कि उन्होंने कोई बड़ी कार्रवाई की है। वह ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय कैसे ले सकते हैं। शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बीजेपी ने लिखा, ‘फिरहाद हकीम ममता के सबसे मुखर प्रवक्ता और वही व्यक्ति जिसने कभी कोलकाता के कुछ हिस्सों को मिनी पाकिस्तान कहा था अब हर सीमा पार कर गया है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को कमतर आंका, पीएम मोदी का अपमान किया। यह राजनीतिक विरोध नहीं है। यह मौखिक देशद्रोह है और ममता बनर्जी ? चुप।’

सुकांत मजूमदार ने भी बोला हमला

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘मूल रूप से हकीम ने कभी भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई रुख नहीं अपनाया है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया था। यही वजह है कि हकीम और कुछ अन्य लोगों को अब यह स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है कि ऐसा किया गया था।’ हकीम की कथित टिप्पणी का वीडियो शेयर करते हुए बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने वरिष्ठ टीएमसी नेता पर प्रधानमंत्री पर अपमानजनक हमला करने का आरोप लगाया।

क्या अगला युद्ध दो मोर्चों पर होगा?

उन्होंने कहा, ‘सच कहूं तो यह बयानबाजी किसी भारतीय नेता की तरह कम और किसी पाकिस्तानी राजनेता की तरह ज्यादा लगती है जो भारत सरकार और उसके नेतृत्व को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है। इस तरह के बयान उन लोगों की मानसिकता को उजागर करते हैं जो पक्षपातपूर्ण नफरत को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखते हैं। भारत के लोग इसे समझ जाएंगे।’

भारत ने शुरू किया था ऑपरेशन सिंदूर

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर दोनों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को बार-बार खारिज कर दिया है कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता की थी। क्या कांग्रेस की मांग से शरद पवार की पार्टी सहमत नहीं?