OBC Politics: करीब 45 साल पहले जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राम मंदिर (Ram Mandir) अभियान शुरू किया था, तब उसके विरोध में खड़े होने वाले नेता सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) थे। कई सालों तक बीजेपी उन्हें ‘मुल्ला मुलायम’ के तौर पर संबोधित करती थी, जबकि वह खुद मुसलमानों के तुष्टीकरण के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही थी। इतना ही नहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 1990 में कारसेवकों पर गोलीबारी को लेकर सपा को निशाना बनाया।

कैसे बदला बीजेपी का स्टैंड

राम मंदिर का वादा पूरा होने के साथ ही मुलायम के प्रति बीजेपी का रुख भी धीरे-धीरे बदलने लगा और ओबीसी राजनीति पर शिफ्ट हो गया। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान, जब मुलायम ने घोषणा की कि ये मैनपुरी से उनका आखिरी चुनाव होगा, तो भाजपा के शीर्ष नेताओं ने वहां प्रचार नहीं किया और सपा सुप्रीमो ने बड़े अंतर सो यहां जीते।

मुलायम का जिस अस्पताल में निधन हुआ वहां, सबसे पहले उनकी खैरियत लेने केंद्रीय मंत्री अमित शाह पहुंचे थे। इतना ही नहीं उनके निधन पर योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में राजकीय शोक की घोषणा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे जुड़े कई किस्से साझा किए और बताया कि जब वे गुजरात में सीएम थे, तो वे हमेशा उनके विचार सुनने के लिए उत्सुक रहते थे। वहीं, मुलायम की मृत्यु के तुरंत बाद आरएसएस के पदाधिकारियों ने प्रयागराज में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में मुलायम को श्रद्धांजलि दी। मैनपुरी उपचुनाव के दौरान भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा सुप्रीमो को श्रद्धाजंलि देते हुए अपना भाषण शुरू किया।

ओबीसी समुदाय को अपनी तरफ खींचने की कोशिश

अब लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने मरणोपरांत मुलायम को देश के दूसरे सबसे बड़े सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है, जिसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बीजेपी के रुख में आए इस बदलाव को ओबीसी समुदाय को अपनी तरफ लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, मैनपुरी उपचुनाव के नतीजों से पता चलता है कि ओबीसी समुदाय अभी भी समाजवादी पार्टी के साथ है।

मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण देकर अखिलेश को फंसाया

भाजपा के एक पदाधिकारी का कहना है कि यह बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक है क्योंकि अखिलेश को यह पुरस्कार स्वीकार करना होगा। इस मुद्दे पर भाजपा को निशाना बनाने के लिए वह केवल यह तर्क दे सकते हैं कि उनकी सरकार ने मुलायम के जीवित रहते उन्हें कोई पुरस्कार नहीं दिया, या वह भाजपा पर यादवों को बांटने का आरोप लगा सकती है, लेकिन वह पुरस्कार से इनकार नहीं कर सकती। वहीं, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा प्रवक्ता आईपी सिंह का मानना है कि मुलायम भारत रत्न के हकदार हैं। उनका कहना है कि भारत रत्न, सर्वोच्च नागरिक सम्मान के अलावा, कोई अन्य सम्मान मुलायम सिंह यादव को शोभा नहीं देता।