देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 52 लाख के पार पहुंच गई है। कोरोना वायरस जब इंसान के फेफड़ों पर हमला करता है, तो उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। ऐसे में मरीज को तुरंत ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। ऑक्सीजन की सप्लाई में कोई दिक्कत ना आए इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए निर्देश जारी किए हैं।
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए अंतर-राज्यीय मूवमेंट को प्रतिबंधित नहीं करने का निर्देश दिया, क्योंकि यह कोविड -19 वायरस से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, कुछ राज्य विनिर्माण इकाइयों से ऑक्सीजन की आपूर्ति के अंतर-राज्यीय मूवमेंट को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के प्रतिबंधों को समाप्त किया जाना चाहिए। ऑक्सीजन की खपत बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि मामलों की संख्या बढ़ रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा था कि 1.64 प्रतिशत की मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है। केंद्र इसे 1 प्रतिशत से भी कम करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुल मामले भले 52 लाख से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन एक्टिव केस 20 प्रतिशत से भी कम हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सभी स्कूल पांच अक्टूबर तक बंद करने का ऐलान किया।
शिक्षा निदेशालय (डीओई) की ओर से जारी आदेश में कहा गया, ‘सभी सरकारी और निजी स्कूल पांच अक्टूबर तक सभी छात्रों के लिए बंद रहेंगे। हालांकि, ऑनलाइन शिक्षण और शिक्षण गतिविधियां हमेशा की तरह जारी रहेंगी।’ स्कूल के प्राचार्यों को ऑनलाइन कक्षाओं या किसी अन्य कार्य के सुचारू संचालन के लिए आवश्यकता के अनुसार कर्मचारियों को बुलाने के लिए अधिकृत किया जाता है।
कोरोना वायरस के फैलने के बाद देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था। 25 मार्च को, केंद्र सरकार ने वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया। हालांकि आठ जून से अनलॉक के विभिन्न चरणों में कई प्रतिबंधों को कम कर दिया गया है, लेकिन शैक्षणिक संस्थान अब भी बंद हैं। अनलॉक के तहत नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, स्कूलों को कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को 21 सितंबर से स्वैच्छिक आधार पर स्कूल बुलाने की अनुमति दी गई है।