केंद्र सरकार अब गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों में वित्तीय गड़बड़ियों की जांच करेगी। गृह मंत्रालय ने इसके लिए एक मंत्रियों की कमेटी भी गठित कर दी है, जो कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा इनकम टैक्स और विदेशी दान के नियमों के उल्लंघन की जांच करेगा।
बताया गया है कि कमेटी की जांच गांधी परिवार के ट्रस्टों द्वारा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), इनकम टैक्स एक्ट, फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट के उल्लंघन पर ही केंद्रित होगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस कमेटी की अध्यक्षता प्रवर्तन निदेशालय के स्पेशल डायरेक्टर की तरफ से की जाएगी।
गौरतलब है कि राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना 1991 में की गई थी, वहीं राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट 2002 में स्थापित हुई थी। दोनों की ही अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही हैं। हालांकि, कांग्रेस ने ट्रस्ट में किसी भी तरह के गलत कामों और कानून के उल्लंघन से इनकार किया है और इसे राजनीतिक षड़यंत्र करार दिया। पिछले महीने ही भाजपा ने कांग्रेस पर धोखाधड़ी कआ आरोप लगाया था। भाजपा नेताओं ने कहा था कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब मनमोहन सिंह सरकार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष की राशि राजीव गांधी फाउंडेशन को दान में देते थे।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि PMNRF गरीबों की सहायता के लिए बनाया गया था, लेकिन उसके जरिए सालों से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसे दान दिए जा रहे थे। हम PMNRF बोर्ड में बैठे हैं। लेकिन राजीव गांधी फाउंडेशन का अध्यक्ष कौन है? श्रीमति सोनिया गांधी। यह पारदर्शिता का साफ उल्लंघन था। गौरतलब है कि राजीव गांधी फाउंडेशन सोनिया गांधी हैं, जबकि इसके बोर्ड में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पी चिदंबरम और मनमोहन सिंह शामिल हैं।

