दिल्ली दंगों पर काबू पाने में पुलिस की भूमिका निभाने को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने तारीफ की थी। अब जामिया हिंसा की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी को गृह मंत्रालय सम्मानित करेगा। दिल्ली दंगों की जांच टीम का नेतृत्व कर रहे एक अधिकारी और भीमा कोरेगांव (महाराष्ट्र) की जांच के लिए एक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी को गृह मंत्रालय सम्मानित करेगा। इन लोगों का नाम उन 121 लोगों की सूची में हैं जिन्हें उत्कृष्टता पदक के लिए चुना गया है।
इस वर्ष केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सौ से अधिक पुलिस कर्मियों को जांच के लिए उत्कृष्टता पदक दिए गए हैं जिनमें नरेंद्र दाभोलकर और भाजपा नेता योगेश गौड़ा की हत्या की गुत्थी और मुजफ्फरपुर आश्रय गृह जैसे सनसनीखेज मामले सुलझाने वाले सीबीआई के 15 अधिकारी भी शामिल हैं।
पुलिस उपायुक्त राजेश देव उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल के प्रमुख हैं। इस दंगे में 50 से अधिक लोग मारे गए थे। जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा की जांच कर रहे देव को फरवरी में चुनाव आयोग (ईसीआई) ने फटकार भी लगाई थी। पुलिस कमिश्नर से चुनाव आयोग ने कहा था कि वह उन्हें चेतावनी जारी करे और उन्हें चुनाव संबंधी कोई काम न सौंपे।
बता दें कि गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया, “वर्ष 2020 के लिए 121 पुलिस अधिकारियों को ‘अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक’ प्रदान किया गया है।” वक्तव्य के अनुसार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के 15, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र पुलिस के दस-दस, उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ, केरल और पश्चिम बंगाल पुलिस के सात-सात अधिकारियों को पदक दिए गए। सीबीआई के प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा, “गृह मंत्रालय ने अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों और राज्य/संघ शासित प्रदेशों की पुलिस जांच एजेंसियों के अधिकारियों के लिए यह पदक प्रदान करने की योजना शुरू की है।”