संसद के मानसून सत्र में कई दिनों से सत्ता और विपक्ष में टकराव के बीच गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा शुरू हुई। इस बिल पर बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक है, जिसमें कहा गया है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से विधेयक का विरोध करना गलत है।

गृहमंत्री ने कहा- नेहरू के साथ अंबेडकर ने भी किया था विरोध

उन्होंने लोकसभा में कहा, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की पट्टाभि सीतारमैया समिति की सिफारिश का तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी (राजगोपालाचारी), डॉ. राजेंद्र प्रसाद और डॉ भीमराव आंबेडकर ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है, न संघ शासित प्रदेश है।

राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते संविधान के अनुच्छेद 239 एए में इसके लिए अलग प्रावधान है। इस अनुच्छेद के तहत इस संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र से संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूरा अधिकार प्राप्त है।

शाह बोले- 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई, जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था

गृहमंत्री ने कहा कि साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई, जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं…। समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्ज़ा करना है।

अमित शाह ने सभी पक्षों से निवेदन किया कि चुनाव जीतने के लिए किसी पक्ष का समर्थन या विरोध करना, ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं। विधेयक और कानून देश की भलाई के लिए लाया जाता है, इसलिए इसका विरोध और समर्थन दिल्ली की भलाई के लिए करना चाहिए। लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन बनाने के बाद भी नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।

अमित शाह के संबोधन के बाद कांग्रेस नेता अधिर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर दिल्ली में ऐसी छेड़खानी होती रहेगी तो आप अन्य राज्यों के लिए भी ऐसे बिल लाते रहेंगे। अगर आपको लगता है कि यहां घोटाला होता है तो उसके लिए आपको यह बिल लाना जरूरी था? आपके पास ED, CBI, IT है, आप उसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते?