HMPV Virus News: चीन में फैले HMPV वायरस ने एक बार फिर पूरी दुनिया में डर का माहौल पैदा कर दिया है और लोगों को कोरोनावायरस के दौरान हुई त्रासदी याद आने लगीं। इस वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी। इसके दो मामले कर्नाटक से और एक मामला गुजरात से सामने आया है। इसके बाद ही यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये HMPV वायरस भी कोरोनावायरस की तरह ही खतरनाक है। इसको लेकर एम्स के डॉक्टरों ने जवाब दिया है।

दरअसल, HMPV वायरस पर, एम्स दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल कहते हैं कि HMPV वायरस की तुलना कोविड-19 से न करें क्योंकि वह पूरी तरह से नया वायरस था और हममें से किसी में भी इसके खिलाफ प्रतिरक्षा नहीं थी। HMPV का वर्णन 2001 से किया जा रहा है और साक्ष्यों के आधार पर भी यह 1950 के दशक के उत्तरार्ध से है। 10 वर्ष की आयु तक, अधिकांश बच्चों में इसके खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित हो जाती है।

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ICMR ने दी जानकारी

हाल ही में चीन में इस वायरस के प्रकोप की खबर के बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा नियमित निगरानी के तहत हाल ही में कर्नाटक में एचएमपीवी के तीन मामले सामने आए थे। एचएमपीवी को लेकर ICMR ने बताया कि एचएमपीवी एक वायरल रोगाणु है जो सभी उम्र के लोगों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। इसका पता पहली बार 2001 में चला। यह पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है और ‘रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस’ (आरएसवी) से निकटता से संबंधित है।

कैसे फैलता है HMPV वायरस?

HMPV खांसने या छींकने से निकलने वाली सांस की बूंदों के साथ-साथ दूषित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस श्वसन संबंधी मामलूी परेशानी से लेकर गंभीर जटिलता से जुड़ी बीमारियों तक का कारण माना जाता है, विशेष रूप से शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में। यह पूरी दुनिया में पाया जाता है और समशीतोष्ण क्षेत्रों में सर्दियों के उत्तरार्ध और वसंत की शुरुआत के दौरान चरम पर होता है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में यह साल भर फैलता रहता है।

कोरोना से कितना अलग है HMPV वायरस?

HMPV वायरस के क्या है लक्षण?

HMPV के लक्षण व्यक्ति की उम्र, सामान्य स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के आधार पर भिन्न होते हैं। हल्के मामलों में आमतौर पर नाक बहना, गले में खराश, खांसी और बुखार का आना शामिल है, जो सामान्य सर्दी जैसा होता है। मध्यम लक्षणों में लगातार खांसी और थकान को शामिल किया जा सकता है। गंभीर मामलों में (विशेष रूप से शिशुओं, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों वाले लोगों में) एचएमपीवी ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है। गंभीर तीव्र सांस संबंधी बीमारी (एसएआरआई) के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है। ये गंभीर स्थिति विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए चिंताजनक हैं।

क्या है HMPV वायरस?

HMPV के संचरण और रोकथाम

HMPV अन्य श्वसन वायरस जैसे आरएसवी और इन्फ्लूएंजा के समान ही फैलता है। संचरण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों की श्वसन बूंदों या दूषित सतहों के संपर्क के माध्यम से होता है। एचएमपीवी के प्रसार को रोकने के लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने सहित अन्य स्वच्छता उपायों को अपनाना आवश्यक है। छींकते या खांसते समय मुंह और नाक को ढंकना और मास्क पहनना भी इसके प्रसार को सीमित कर सकता है। संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचना और बार-बार छुई जाने वाली सतहों को नियमित रूप से कीटाणुरहित करना अतिरिक्त निवारक उपाय हैं।

HMPV को लेकर कैसे रहें सतर्क

केवल लक्षणों के आधार पर एचएमपीवी का निदान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि यह आरएसवी और इन्फ्लूएंजा जैसे अन्य श्वसन संक्रमणों की नकल लगता है। ‘रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन’ (आरटी-पीसीआर) एचएमपीवी आरएनए का पता लगाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है, जबकि एंटीजन की पहचान करने वाली जांच से त्वरित परिणाम मिलते हैं। भारत में, श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी और नियंत्रण के अपने प्रयासों के तहत, आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) जैसे निगरानी कार्यक्रम नियमित रूप से एचएमपीवी सहित श्वसन संबंधी बीमारी देने वाले अन्य वायरस का परीक्षण करते हैं।

HMPV का कैसे उपचार?

वर्तमान में एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। उपचार सहायक है और संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्के मामलों में आराम, पर्याप्त जलयोजन, बुखार और नाक बंद होने की समस्या के लिए ‘ओवर-द-काउंटर’ दवाएं पर्याप्त हैं। गंभीर मामलों में, विशेष रूप से निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस से जुड़े मामलों में, ऑक्सीजन थेरेपी और अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता हो सकती है। HMPV से संबंधित अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।