केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130 वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधायक 2025 बिल को लोकसभा में पेश किया। इस बिल का विपक्ष ने जोरदार विरोध किया। सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि ये बिल लोकतंत्र विरोधी हैं।
केसी वेणुगोपाल और अमित शाह के बीच बहस
हंगामे के दौरान कांग्रेस के लोकसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जब अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था तो क्या उन्होंने अपनी नैतिकता दिखाई थी? इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मुझ पर जब आरोप लगे थे तो मैंने गिरफ्तारी से पहले नैतिक रूप से इस्तीफा दिया था। कोर्ट से निर्दोष साबित न होने तक मैंने कोई संवैधानिक पद नहीं लिया था। ये क्या सीखाते हैं नैतिकता मुझे। हम भी चाहते हैं कि नैतिकता के मूल्य और बढ़े और गिरफ्तार होने से पहले मैंने इस्तीफा दिया था, ये याद होगा सबको।”
अमित शाह ने क्या कहा?
जब हंगामा बढ़ा तो अमित शाह ने कहा कि बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजेंगे और बाद में बिल को JPC को भेज दिया गया। विपक्ष ने अमित शाह पर बिल को जल्दबाजी में लाने का आरोप लगाया लेकिन गृह मंत्री ने कहा कि इस बिल को जल्दबाजी में लाने का आरोप सही नहीं है। अमित शाह ने आश्वासन दिया कि सभी पक्ष-विपक्ष के सांसदों की समिति इस पर विचार करेगी और आपके सामने लेकर आएगी।
विपक्ष ने संविधान के 130वें संशोधन बिल को इंट्रोड्यूस करते वक्त बिल की कॉपी फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की तरफ फेंक दी। वहीं इसके बाद ट्रेजरी बेंच को विपक्ष ने घेर लिया और गृह मंत्री के माइक को मोड़ने की भी कोशिश की गई। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 5 बजे तक स्थगित कर दी गई।
प्रियंका गांधी ने बिल का किया विरोध
बिल को प्रियंका गांधी ने क्रूर बताया है। प्रियंका गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं इसे पूरी तरह से क्रूर मानती हूं क्योंकि यह हर चीज के खिलाफ है। इसे भ्रष्टाचार विरोधी उपाय कहना लोगों की आंखों पर पर्दा डालने जैसा है। कल आप मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी भी तरह का केस दर्ज करा सकते हो, उन्हें बिना दोषी सिद्ध हुए 30 दिनों के लिए गिरफ्तार कर सकते हैं और फिर वह मुख्यमंत्री नहीं रह पाएंगे। यह पूरी तरह से संविधान-विरोधी, अलोकतांत्रिक और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
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