‘हिट-एंड-रन’कानून के खिलाफ पूरे देश भर में ट्रक और डंपर चालकों ने चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। यह कानून केंद्र सरकार लेकर आई है ताकि सड़क हादसों पर लगाम लगाया जा सके। हालांकि ‘हिट-एंड-रन’ सड़क दुर्घटना मामलों में नए दंड कानून में प्रावधान के खिलाफ ट्रक चालक देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं। महाराष्ट्र में प्रदर्शन की वजह से कुछ जगहों पर फ्यूल की कमी की आशंका पैदा हो गई है। असल में ट्रक ड्राइवर्स ने मुंबई से लेकर इंदौर, दिल्ली-हरियाणा और यूपी के कई जगहों पर ट्रक खड़ा कर रोड जाम कर दिया। जिससे यातायात पर बुरा असर पड़ रहा है। इस हड़ताल के कारण पेट्रोल पंप पर लंबी लाइनें लगनी शुरु हो गई। लोगों को यातायात में परेशानी हो रही है।
ट्रक ड्राइवरोंं ने कहा- यह गलत कानून, इसे वापस लो
हिट एंड रन कानून के अनुसार, अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो इसे 10 साल की जेल की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं उसे 7 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा। चालकों को यह कानून सही नहीं लग रहा है। उनका कहना है कि यह कानून गलत है, इसे वापस लेना चाहिए।
मुंबई में फ्यूल खत्म होने की आशंका
महाराष्ट्र के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अकील अब्बास ने मीडिया को बताया कि छत्रपति संभाजीनगर में कुछ पेट्रोल पंपों पर काम पहले ही बंद हो चुका है। अधिकारियों ने बताया कि सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी ‘रास्ता रोको’ प्रदर्शन किया गया। नासिक जिले में टैंकर चालकों ने काम बंद कर दिया और एक हजार से अधिक टैंकर पनेवाडी गांव में खड़े कर दिए। पनेवाडी गांव एक फ्यूल डिपो है, जहां ये टैंकर खड़े किए गए। नंदगांव तालुका के पनेवाड़ी गांव में भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के फ्यूल डिपो हैं। साथ ही यहां एलपीजी गैस भरने का भी स्टेशन हैं। इन डिपो से राज्य के कई हिस्सों में फ्यूल पहुंचाया जाता है।
नासिक जिला पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भूषण भोसले ने कहा, ”अगर आंदोलन बंद नहीं किया गया तो नासिक जिले के कई फ्यूल स्टेशन बंद हो जाएंगे क्योंकि वे डीलरों को अपने टैंकर भरने नहीं दे रहे हैं। गेट बंद कर दिए गए हैं और एक भी टैंकर को फ्यूल नहीं ले जाने दिया जा रहा है।’
छत्तीसगढ़ में यात्रियों को हो रही परेशानी
छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में यात्री बसों के चालकों ने ‘हिट-एंड-रन’ मामलों से संबंधित नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर काम बंद कर दिया, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण पेट्रोल-डीजल खत्म होने के डर से शहरों में पेट्रोल पंप के सामने लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं।
‘हिट-एंड-रन’ मामलों से संबंधित नए कानून के विरोध में ट्रकों और टैंकरों सहित कमर्शियल गाडियों के चालकों ने मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में काम बंद कर दिया। प्रदर्शनकारी चालकों ने मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और इंदौर में कुछ सड़कों को भी जाम कर दिया, जिससे जरूरी सामान ले जाने वाली गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुईं।
बोर्ड ऑफिस चौराहे पर एक प्रदर्शनकारी प्रमोद सिकरवार ने कहा, “नए कानून के अनुसार, हिट-एंड-रन मामलों में 10 साल की जेल की सजा और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा, ”नया कानून चालकों के हित के खिलाफ है। चालक किसी को मारना नहीं चाहते, लेकिन दुर्घटनाएं हो जाती हैं। ऐसे मामलों में लोग चालक के खिलाफ हो जाते हैं। हम मांग करते हैं कि नए कानून में संशोधन किया जाए।”
इंदौर में विरोध प्रदर्शन के तहत गंगवाल बस स्टैंड पर बसें सड़क पर खड़ी कर दी गईं। इस बीच, विरोध प्रदर्शन से लोगों में दहशत फैल गई। उन्हें डर था कि प्रदर्शन से फ्यूल की कमी हो सकती है और वे पेट्रोल पंपों पर कतारों में खड़े हो गए। ग्वालियर में रविवार को सिकरौदा इलाके में कुछ वाहन चालकों ने सड़क जाम कर दी, जिसके बाद पुलिस ने बिलौआ थाने में मामला दर्ज किया।
गुजरात में भी बुरा हाल
गुजरात में भी नए कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने खेड़ा, वलसाड, गिर सोमनाथ, भरूच और मेहसाणा जिलों से गुजरने वाले हाइवे पर गाड़ी खड़ी कर नाकेबंदी कर दी। मेहसाणा में मेहसाणा-अंबाजी राजमार्ग और खेड़ा में अहमदाबाद-इंदौर हाइवे पर जाम लग गया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने सड़क जलते हुए टायर रख दिए। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और रास्ता खुलवाया।
हरियाणा के जींद में जाम
हरियाणा के जींद में भी ‘हिट एंड रन’ मामलों पर ट्रक चालकों का गुस्सा फूटा और सोमवार को निजी बसों और ट्रक चालकों ने तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की। विरोध प्रदर्शन के दौरान 300 से ज्यादा ट्रकों ने सेवा बंद कर दी। वहीं उत्तर प्रदेश के आगरा में साल के पहले दिन ही रोडवेज बस और ट्रक चालकों ने चक्का जाम कर दिया। चालक नये कानून में चालकों को सजा और जुर्माने का विरोध कर रहे थे। चालकों ने आईएसबीटी, ईदगाह, बिजलीघर बस स्टैंड पर रोडवेज बसों को खड़ा कर दिया। उनकी मांग है कि सरकार को कानून में संशोधन करना चाहिए।