अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब हिंदू महासभा ने सोमवार को पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। महासभा ने फैसले में मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन देने का विरोध किया है। उसका कहना है कि अदालत ने विवादित भूमि के अंदरूनी हिस्से और बाहरी हिस्से पर हिंदुओं के दावे को मजबूत माना है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ भूमि देना सही नहीं होगा।
महासभा ने कहा कि भूमि देना उचित नहीं : महासभा ने याचिका में कहा है, “जो लोग हिंदुओं के धर्मस्थल को कुचले हैं, उन्हें इस तरह के अवैध कार्य के लिए पुरस्कार नहीं दिया जा सकता है। उन्हें इस आधार पर 5 एकड़ भूमि नहीं दी जा सकती कि हिंदुओं ने 1934, 1949 और 1992 में कुछ गलतियां कर दी थीं।” महासभा इस पर याचिका दाखिल कर कोर्ट से इस पर फिर विचार करने की मांग की है।
Hindi News Today, 09 December 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
9 नवंबर को पांच जजों की बेंच ने सुनाया था फैसला : गौरतलब है कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था। न्यायालय ने सुन्नी वफ्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए किसी अन्य जगह पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश भी दिया था।
शीर्ष अदालत में छह पुनर्विचार याचिकाएं दायर : अब तक फैसले के खिलाफ छह पुनर्विचार याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं। मुस्लिम पक्षों ने भी सुप्रीम कोर्ट में उक्त फैसले को चुनौती दी है। महीने की शुरुआत में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इसके बाद पीस पार्टी ने भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करके कहा था कि साल 1949 तक विवादित स्थल पर मुस्लिमों का अधिकार था। लिहाजा सर्वोच्च अदालत को अपने फैसले पर फिरसे विचार करना चाहिए।