हिमाचल प्रदेश में संजौली मस्जिद मामले का विवाद काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। देवभूमि संघर्ष समिति ने स्थानीय सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से सनातन सब्जी वाला लिखे हुए पोस्टर लगाने का आग्रह किया। ऐसा इस वजह से किया ताकि दूसरे राज्यों से आने वाले दुकानदारों का बहिष्कार किया जा सके। समिति के सदस्यों ने सिविल सोसायटी ग्रुप के साथ मिलकर सब्जी दुकानदारों को पोस्टर बांटे और उनसे आग्रह किया कि वे इन्हें अपनी दुकानों और स्टॉलों पर लगाएं।

डीएसएस और सिविल सोसायटी ग्रुप से जुड़े विकास थाप्टा ने कहा कि हमने सब्जी बेचने वालों को सनातन सब्जी वाला लिखे हुए पोस्टर बांटे। किसी को भी अपने स्टॉल, सब्जी ठेले पर पोस्टर लगाने के लिए मजबूर नहीं किया गया है। हमने सिर्फ संजौली में लंबे समय तक बैठने वाले स्थानीय सब्जी दुकानदारों और यहां अक्सर आकर शांति भंग करने वाले और गायब हो जाने वाले लोगों के बीच फर्क करने के लिए पोस्टर बांटे।

हिंदू दुकानदारों से ही सब्जी और खाने-पीने का सामान खरीदें

वहीं, समिति के राज्य सह संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि पोस्टर तैयार करवाए जा रहे हैं। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए प्रदेश के कारोबारियों व लोगों का सहयोग लिया जाएगा। ये पोस्टर सब्जी और फास्ट फूड की दुकानों और ढाबों पर लगाए जाएंगे। अभी सब्जी और फलों की दुकान से ही शुरुआत की है। इन पोस्टरों को लगाने का मकसद यह है कि लोग हिंदू दुकानदारों से ही सब्जी और खाने-पीने का सामान खरीदें। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि बाहर से कुछ ऐसे तत्व आ गए हैं जो माहौल बिगाड़ रहे हैं।

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कई सब्जी बेचने वालों ने पोस्टर हटा लिए

सूत्रों ने बताया कि जैसे ही डीएसएस और सिविल सोसाइटी ग्रुप के सदस्य स्थानीय बाजार से चले गए, कई सब्जी बेचने वालों ने पोस्टर हटा लिए। शिमला से 7 किलोमीटर दूर संजौली में 11 सितंबर को कथित अवैध संजौली मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस स्थिति पर काबू पाने के लिए सैकड़ों पुलिस वालों को तैनात किया गया था। बाद में भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, देवभूमि संघर्ष समिति और अन्य ग्रुप के सदस्यों समेत प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 15 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई।