जनसत्ता के सभी पाठकों को प्रातः नमस्कार। प्रस्तुत है बुधववार (3 दिसंबर) के ‘जनसत्ता अखबार’ में प्रकाशित प्रमुख समाचार एवं विचार। इस दैनिक स्तम्भ का उद्देश्य है जनसत्ता के सभी पाठकों को आज के अखबार में प्रकाशित खबरों को एक जगह पेश करना। जनसत्ता ईपेपर पढ़ने के लिए आप यहां क्लिक करें।

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जनसत्ता के पहले पेज पर आज की बड़ी खबरों में ‘संचार साथी पर घमासान’ को लीड के रूप में प्रकाशित किया गया है। इसकी हैडिंग है कांग्रेस ने कहा, जासूसी; सरकार बोली, ऐच्छिक

शीर्ष खबर के तौर पर अमेरिकी प्रतिबंधों के असर का विश्लेषण प्रकाशित हुआ है, जिसमें यह बताया गया है कि भारत का रूस से तेल आयात एक-तिहाई घटा है।

संसद में SIR पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष अड़ा हुआ है। यह खबर ‘चुनाव सुधार पर बहस को राजी, सरकार पीछे हटी’ हैडिंग के साथ प्रमुखता से छपी है।

अन्य प्रमुख खबरों में— सुप्रीम कोर्ट का बयान: तेज शहरीकरण और चुनाव आयोग के तर्क पुनरीक्षण के लिए मान्य नहीं।

  • रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का सवाल: घुसपैठियों के लिए क्या लाल कालीन बिछाना चाहिए?

एंकर स्टोरी के रूप में ‘प्रधानमंत्री कार्यालय अब सेवा तीर्थ, कुछ राजभवन हुए लोक भवन’ प्रकाशित की गई है।

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राजधानी दिल्ली पेज की लीड खबर प्रदूषण पर केंद्रित है। दिल्ली के 19 निगरानी केंद्रों में वायु गुणवत्ता 400 के पार पहुंच गई है। रिपोर्ट के अनुसार हवा बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज हुई और चांदनी चौक सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी बेअसर साबित हुई और तापमान कम होने के बजाय 3.9 डिग्री बढ़ गया, जिससे प्रदूषण की स्थिति और खराब हो गई।

वायु प्रदूषण से संबंधित याचिका पर आज सुनवाई होनी है, जिसे लेकर भी अपेक्षाकृत हलचल देखी गई।

इसके अलावा, दो मौतों के बाद दिल्ली सरकार का कड़ा रुख सामने आया है। मंत्री अतिशी सूद ने कहा कि रैन बसेरों में अंगीठी का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा। इसी के साथ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को सर्दी में सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

आसपास के पेज पर बड़ी खबर में बताया गया है कि नोएडा में दो वर्ष में चालक लाइसेंस जारी होने की संख्या 63 प्रतिशत घटी है, जो एक चिंताजनक प्रशासनिक संकेत माना जा रहा है।

इसके अलावा, दिल्ली महिला आयोग के बंद होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा—“संकट में फँसी महिलाएं कहाँ जाएँगी?” यह खबर भी प्रमुखता से प्रकाशित हुई है।

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