उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा के लिए चुनाव हुए। इस दौरान सबसे ज़्यादा चर्चा क्रॉस वोटिंग की रही। जिसका सीधा फायदा बीजेपी को हुआ। हिमाचल प्रदेश में तो पूर्ण बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी हार गए। अब कांग्रेस के सामने हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार बचाने का भी संकट है।
विपक्ष के नेता और अन्य भाजपा विधायकों ने मंगलवार शाम हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात की प्रदेश बजट को वोटिंग के जरिए पास कराने की मांग की–इसका सीधा मतलब यह है कि कांग्रेस अगर बजट पास कराने में कामयाब नहीं हुई तो यह साफ हो जाएगा कि विधानसभा में उनके पास बहुमत नहीं है। आज से हिमाचल प्रदेश में विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। बीजेपी विधायक दल राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचा है, ऐसे में सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।
बीजेपी के पक्ष में डाले गए वोट
विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं और पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को लेकर आसानी से जीतने की उम्मीद थी। एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मतदान के दौरान छह कांग्रेस विधायकों और सरकार का समर्थन करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने कथित तौर पर भाजपा उम्मीदवार के लिए मतदान किया और अभिषेक मनु सिंघवी हार गए। बीजेपी नेता और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने अब दावा किया है कि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं बचा है। ठाकुर ने सीएम सुक्खू से इस्तीफे की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा भी माना जा रहा है कि भाजपा गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। इसको सीएम सुक्खू के उस बयान से भी समझा जा सकता है जिसमें वह हरियाणा सरकार पर कांग्रेस के पांच-छह विधायकों को अगवा करने का आरोप लगा रहे थे। अब बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं होने का दावा कर रही है और जयराम ठाकुर राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर सकती है।