Himachal minister Anirudh Singh Booked: हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह मामला दर्ज किया गया है। सिंह सोमवार को शिमला में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के दो अधिकारियों पर कथित रूप से हमला करने और उन्हें धमकाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया। घटना शिमला के चमयाना में चल रहे फोर-लेन निर्माण कार्य के कारण एक बहुमंजिला इमारत के ढहने के तुरंत बाद हुई।
विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोपों के मद्देनजर सिंह के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा एनएचएआई अधिकारियों पर मंत्री के हमले की निंदा करती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अनिरुद्ध सिंह को अपने मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए। मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
एनएचएआई के प्रबंधक अचल जिंदल की शिकायत के आधार पर इस संबंध में ढली पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। सिंह कासुमटी से कांग्रेस विधायक हैं और राज्य के पूर्ववर्ती कोटी राजघराने के वंशज हैं।
बताया जा रहा है कि यह हमला चमयाना के भट्टाकुफर के पास हुआ। जहां सोमवार को इमारत ढह गई थी। सिंह अन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर गए थे। जिंदल ने दावा किया कि उन्हें और साइट इंजीनियर योगेश वर्मा को मीटिंग के बहाने बुलाया गया था, लेकिन इसके बजाय उन पर हमला किया गया।
शिकायत के अनुसार कि मंत्री हम दोनों को पास के कमरे में ले गए और दूसरों के सामने हमारे साथ मारपीट करने लगे। उन्होंने मेरे सिर पर पानी से भरा मिट्टी का बर्तन मारा, जिससे खून बहने लगा। जब मेरे साथी योगेश वर्मा ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो मंत्री ने उन पर भी हमला कर दिया। हम किसी तरह बचकर भाग निकले और आईजीएमसी, शिमला पहुंचे।
दोनों को शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में भर्ती कराया गया है। उनकी मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है।
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने शिकायत पर कार्रवाई की है। मामले की जांच चल रही है और मेडिकल जांच रिपोर्ट से जांच में और मदद मिलेगी। एफआईआर कल रात दर्ज की गई। अचल जिंदल को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। योगेश वर्मा अभी भी वहीं भर्ती हैं।
पुलिस ने अचल जिंदल की शिकायत के आधार पर पंचायती राज मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 132, 121(1), 352, 126(2) और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है।
उनसे संपर्क करने के बार-बार प्रयास के बावजूद मंत्री टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। उनके कार्यालय को किए गए कॉल और संदेशों का कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच, एनएचएआई कर्मचारी संघ ने कथित हमले की निंदा की।
गडकरी ने अधिकारियों पर हुए हमले को बताया कानून का अपमान
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनएचएआई अधिकारियों पर हुए हमले को कानून के शासन का अपमान बताया है। उन्होंने इस मामले में इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री और उनके सहयोगियों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग यूनिट शिमला के प्रबंधक अचल जिंदल पर किया गया जघन्य हमला अत्यंत निंदनीय है और कानून के शासन का अपमान है।
गडकरी ने कहा कि अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन कर रहे एक लोक सेवक पर इस तरह का क्रूर हमला न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि संस्थागत अखंडता को भी नष्ट करता है। मैंने मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की है और सभी अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है। जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए और बिना देरी के न्याय मिलना चाहिए।