जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। इसकी वजह से आवाजाही पर असर पड़ा है। राज्य के रामबन जिले में भारी बारिश की वजह से कई जगह भूस्खलन और पत्थरों के गिरने से राजमार्ग पर गाड़ियों का आना-जाना रुक गया है। शनिवार तड़के जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से रुक गया है। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण पक्की हट्टी के पास भूस्खलन से बटोटे-किश्तवाड़ राजमार्ग बंद हो जाने के बावजूद 270 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग एकतरफा यातायात के लिए खुला रहा। इसका वैकल्पिक रास्ते के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
भारी बारिश से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर भी पड़ा असर
इस बीच बर्फबारी और हिमस्खलन की चेतावनी के चलते डोडा, किश्तवाड़ और रामबन सहित जम्मू क्षेत्र के शीतकालीन क्षेत्र के विद्यालयों में छुट्टियां दो दिन और बढ़ा दी गई है। ये विद्यालय एक मार्च को खुलने वाले थे। डोडा क्लस्टर स्कूल प्रमुख नजीर अहमद ने ‘पीटीआई’ को बताया, “हालांकि, प्रायोगिक परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएंगी।”
पिछले ढाई महीने से बंद चल रहे हैं सभी तरह के स्कूल
उन्होंने कहा कि जम्मू प्रांत के शीतकालीन क्षेत्र के सभी स्कूलों में ढाई महीने की शीतकालीन छुट्टियों के बाद एक मार्च से कक्षाएं फिर से शुरू होनी थीं, लेकिन स्कूल अब चार मार्च को खुलेंगे। मौसम विभाग ने कहा कि इस केंद्र शासित प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर तीन मार्च तक मामूली बारिश या बर्फबारी होने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर के अलावा देश के दूसरे हिस्सों में जैसे-जैसे ठंड खत्म हो रही है और गर्मी शुरू हो रही है, मौसम में बदलाव के साथ ही तापमान ऊपर-नीचे हो रहा है। दिन के तापमान की अपेक्षा देर रात के तापमान में अंतर आ रहा है।
भारत में इस साल सामान्य से अधिक गर्मी और अधिक लू वाले दिनों के होने का पूर्वानुमान है क्योंकि अल नीनो की स्थिति कम से कम मई तक जारी रह सकती है। आईएमडी ने शुक्रवार को कहा कि देश में मार्च में सामान्य से अधिक वर्षा (दीर्घकालिक औसत 29.9 मिमी के 117 प्रतिशत से अधिक) हो सकती है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत में मार्च से मई की अवधि में देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।