बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष रमेश गुप्ता सहित वकीलों के एक समूह ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय से कोविड-19 से पीड़ित वकीलों के लिए चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग की जिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य पूरी तरह विफल हो गया है। सुनवाई के दौरान वकील रो पड़े जिसमें वरिष्ठ वकील गुप्ता भी शामिल थे। उन्होंने न्यायाधीशों से अपील की कि उनकी मदद करें क्योंकि उन्हें चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के पीठ ने कहा कि वे वकीलों के दर्द को समझ रहे हैं और स्थिति को राज्य की विफलता करार दिया। पीठ ने कहा, ‘हम आपके दर्द को समझते हैं। हम भी इससे गुजर रहे हैं। कोविड में बेतरतीब इजाफा हुआ है। किसी ने नहीं सोचा था कि यह इस तरीके से हम पर हमला करेगा। यहां धन का मुद्दा नहीं है। समस्या बुनियादी ढांचे की है।’ इसने कहा, ‘समस्या है कि हमारे पास डॉक्टर, नर्स, आक्सीजन और दवाएं नहीं हैं। यह पूरी तरह से राज्य की विफलता है। यह हमारे लिए कठिन होता जा रहा है।’ अदालत वकीलों के लिए चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से 375 और मरीजों की मौत हो गई जबकि कोविड-19 के 27,047 नये मामले सामने आये। वहीं संक्रमित होने की दर 32.69 प्रतिशत रही। यह जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की नवीनतम बुलेटिन में दी गयी है।
शुक्रवार को लगातार नौवां दिन था जब दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण से 300 से अधिक मौतें हुईं। बुलेटिन के अनुसार दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 11,49,333 हो गई जिसमें से 10.33 लाख से अधिक संक्रमण मुक्त हो गए हैं। वहीं मृतक संख्या 16,147 है।
बुलेटिन के अनुसार इस अवधि के दौरान कुल 82,745 नमूनों जांच की गई। दिल्ली में उपचाराधीन मामलों की संख्या 99,361 है। इसके अनुसार दिल्ली में 20,938 बिस्तरों में से मात्र 1,199 खाली हैं। कुल 51616 मरीज घर पर पृथक-वास में ठीक हो रहे हैं।
दिल्ली में निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या बढ़कर 37,223 हो गई है।