Tablighi Jamaat News: कोरोना काल के दौरान तबलीगी जमात को लेकर काफी विवाद हुआ था, आरोप लगा था कि विदेशी नागरिकों को एक जगह इकट्ठा किया गया था। उस वजह से कोरोना के मामले तेजी से बढ़े थे। अब पांच सालों तक तो ऐसे दावे होते रहे, लेकिन अब दिल्ली हाई कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान 70 भारतीयों पर दर्ज 16 FIR को खारिज कर दिया है। जोर देकर कहा गया है कि मौजूदा तथ्यों को देखते हुए इन मामलों को और ज्यादा आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
पूरा मामला क्या था?
जानकारी के लिए बता दें कि 2020 में निज़ामुद्दीन में बने मरकज में आयोजित तबलीगी जमात कार्यक्रम में कई लोग शामिल हुए थे। वहां भी 70 भारतीयों ने करीब 190 विदेशी नागरिकों को अपने यहां ठहराया था। उस समय इस बात को लेकर जबरदस्त आक्रोश था कि सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में इतने सारे लोग एक जगह इकट्ठे हुए थे। इसी वजह से दिल्ली पुलिस ने भी तब आईपीसी की धारा,महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और विदेशी नागरिक अधिनियम की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। यहां तक दावा हुआ था कि लॉकडाउन के नियमों को नहीं माना गया।
तबलीगी जमात और मरकज की कैसे हुई शुरुआत
वैसे इस मामले में तबलीगी जमात का केस लड़ने का काम वकील आशिमा मंडला ने किया था। उन्होंने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कई दफा कहा था कि सभी एफआईआर रद्द होनी चाहिए क्योंकि आरोपियों की कोई आपराधिक मंशा नहीं थी और उनके खिलाफ कोई ऐसा साक्ष्य भी नहीं मिला है।
क्या है तबलीगी जमात?
तबलीगी का मतलब होता है अल्लाह की कही हुई बातों का प्रचार-प्रसार करना लोगों को इसके बारे में बताना। जमात का मतलब होता है लोग, समूह। मरकज का मतलब होता है मीटिंग या बैठक की जगह। तबलीगी जमात से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम का अनुमोदन करते हैं और इस्लाम की बातों का प्रसार करते हैं।ये एक सुन्नी इस्लामी मिशनरी मूवमेंट है। इसका उद्देश्य आम मुसलमानों तक पहुंचना और उनका इस्लाम के प्रति विश्वास बढ़ाना और साथ ही खान-पान, पहनावा और इस्लामिक तौर तरीकों के बारे में बताना है।
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