एक टीवी चैनल पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जब बसपा नेता ने कहा कि संघ के लोग डंडा लेकर सुबह-सुबह पार्कों में कब्ज़ा किए रहते हैं तो वहीं मौजूद रहीं बीजेपी प्रवक्ता और उत्तरप्रदेश सरकार की मंत्री स्वाति सिंह भड़क उठीं। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच मंच पर ही भिड़ंत हो गई।
दरअसल आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान एंकर चित्रा त्रिपाठी के एक सवाल के जवाब में बसपा नेता धर्मवीर चौधरी ने कहा कि आरएसएस के लोग सुबह आपको लाठी और डंडों के साथ पार्कों पर कब्ज़ा किए हुए मिलेंगे। उसमें एक भी मां बेटी नहीं मिलेगी। ये राम की पूजा करेंगे लेकिन सीता को छोड़ देंगे। ये बीजेपी वालों का चाल, चरित्र और चेहरा है। आगे उन्होंने एंकर के टोके जाने पर कहा कि आरएसएस में महिलाओं की भागीदारी नहीं है, हमें इस बात से दिक्कत है।
बसपा नेता के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कार्यक्रम में ही मौजूद रहीं उत्तरप्रदेश सरकार की मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि आपने संघ की बात की। आपने कहा कि संघ के लोग सुबह-सुबह डंडा लेकर पार्क में चले जाते हैं। स्वाति सिंह के इतना कहते ही बसपा नेता उन्हें बीच में टोकते हुए अपनी बात दोहराने लगे और कहने लगे कि वे चले नहीं जाते हैं बल्कि अनाधिकृत रूप से कब्ज़ा करते हैं। ये बगैर कागजों का संगठन है। ये रजिस्टर्ड संगठन नहीं है, ये भारत सरकार से मान्यता प्राप्त संगठन नहीं है। इसपर रोक लगना चाहिए।
बसपा नेता के इतना कहने के बाद भाजपा नेता स्वाति सिंह कहने लगीं कि यही आपकी पार्टी का संस्कार है। इसके बाद दोबारा से दोनों के बीच तू-तू मैं-मैं शुरू हो गई। बसपा नेता के बोलने के बीच में ही स्वाति सिंह ने कहना शुरू कर दिया कि यह दुर्भाग्य है कि महिलाओं के पैनल में पुरुष बैठा हुआ और बसपा में कोई महिला नहीं है। ये बात करते हैं कि संघ में महिलाएं नहीं हैं। आपकी पार्टी में कोई महिलाएं नहीं हैं। आपकी पार्टी में कोई महिला होती तो इस मंच पर महिला बैठी होती।
इसके बाद जैसे ही बसपा नेता धर्मवीर चौधरी ने उत्तरप्रदेश में महिला अपराध की बात की तो भाजपा नेता फिर से भड़क उठीं। भाजपा नेता स्वाति सिंह कहने लगीं कि आप किस बेटी की बात कर रहे हैं। बसपा के लोगों ने बीच चौराहे पर मेरी बेटी को गाली दिया था। इसपर बसपा नेता भी कहने लगे कि राजस्थान और उत्तरप्रदेश में महिला अपराध को लेकर होड़ लगी हुई है। इसको रोक दीजिए। हालांकि बाद में एंकर के रोके जाने पर दोनों चुप हो गए।