सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा वाकया पेश आया जिसे देखकर दो जस्टिसेज भौचक रह गए। दरअसल, अदालत में सुनवाई चल रही थी कि तभी हाईप्रोफाइल आतंकी यासिन मलिक कोर्ट में आकर खड़ा हो गया। दोनों जज उसे देखकर भौचक रह गए। उनका सवाल था कि ऐसे शख्स को जेल से क्यों निकाला गया। ये सिक्योरिटी का इश्यू है। सॉलीसिटर जनरल ने बेंच को आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा, तब जाकर दोनों जस्टिस शांत हुए।
यासिन मलिक को टेरर फंडिंग के केस में उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। वो फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। जिस मामले में यासिन मलिक आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ वो दरअसल सीबीआई से जुड़ा है। 1989 में भारत के तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद को अगवा करने के मामले की जांच एजेंसी ने की है। इस मामले में एयरफोर्स के एक जवान की हत्या भी हुई थी। क्रास एग्जामिनेशन के लिए अदालत की तरफ से यासिन मलिक के प्रोडक्शन वारंट जारी किए गए थे। कोर्ट ने उसे पेश करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जम्मू के तीसरे एडिशनल जज के आदेश पर रोक लगाते हुए अप्रैल 2023 में नोटिस जारी किया था।
यासिन मामले की सुनवाई से अलग हुए जस्टिस धूलिया
शुक्रवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच के सामने ये केस लगा था। हालांकि इस मामले में सुनवाई तुरंत स्थगित करनी पड़ी, क्योंकि जस्टिस धूलिया ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग करने की मंशा जताई। सुनवाई तो स्थगित हो गई लेकिन बेंच अपनी कोर्ट में बैठी थी। इसी दौरान यासिन मलिक कोर्ट रूम में पहुंच गया। उसे देख दोनों जज हैरत में आ गए। उनका सवाल था कि यासिन सुप्रीम कोर्ट में क्या कर रहा है। जबकि कोर्ट ने उसकी फिजिकली पेश करने का कोई आदेश नहीं जारी किया था।
एसजी तुषार मेहता उस दौरान कोर्ट रूम में मौजूद थे। उन्होंने बेंच को आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। यासिन को फिर से जेल से नहीं निकाला जाएगा। उन्होंने माना कि ये हेवी सिक्योरिटी इश्यू है। एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि जेल अथॉरिटी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं समझ सकी। उन्होंने बेंच से इस मसले पर आदेश देने की मांग की। लेकिन जस्टिस सूर्यकांत ने ये कहते हुए आदेश जारी करने से इनकार कर दिया कि जस्टिस धूलिया खुद को सुनवाई से अलग कर चुके हैं। वो अकेले आदेश जारी नहीं कर सकते।
जस्टिस सूर्यकांत बोले- यासिन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही पेश किया जाए
जस्टिस सूर्यकांत ने राजू से कहा कि अगली सुनवाई पर यासिन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही पेश किया जाए। तुषार मेहता का कहना था कि हमने उससे यही बात कही थी लेकिन उसने खुद पेश होने की इच्छा जताई। मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
सॉलीसिटर जनरल ने लिखी होम सेक्रेट्री को चिट्ठी, कहा- ऐसा नहीं होना चाहिए था
सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने होम सेक्रेट्री को चिट्ठी लिख कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। यासिन मलिक का सुप्रीम कोर्ट में आना खतरनाक था। वो भाग सकता था। उसकी कोई हत्या कर सकता था, या फिर उसे कोर्ट परिसर से अगवा किया जा सकता था।