सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एविडेंस बेस ट्रीटमेंट की जो गाइडलाइन जारी की है वो बेहद चौंकाने वाली है। इस लिस्ट में से बहुत सारी वो दवाएं गायब हैं जो कोरोना के इलाज के लिए आम तौर पर ली जा रही थीं। यहां तक कि ज़िंक और विटामिन सी तक लिस्ट से ग़ायब है। लिस्ट को देखकर साफ पता चलता है कि कोविड मरीज़ों को सवा साल से जो दवाएं दी जा रही थीं, सरकार ने अब उन सबको ग़ैरज़रूरी बता कर खारिज कर दिया है।

हालांकि, डॉक्टर कम्युनिटी में इस गाइड लाइन को लेकर उहापोह की स्थिति बन गई है। डब्ल्य़ूएचओ की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथ इसे बेहतरीन बता रही हैं तो मैकगिल विवि कनाडा की डॉ. मधु पाय का कहना है कि सरकार की नए नियमों को देखकर वह बेहद खुश हैं। इससे लोगों की जान बचाने के साथ इलाज का खर्च भी कम हो सकेगा। लेकिन कुछ डॉक्टर सरकार की इस राय से इत्तेफाक नहीं रखते। मुंबई के डॉ. लेंसेलॉट पिंटो का कहना है कि उन्होंने अपने मरीजों को कभी भी लिवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लाइन जैसी दवाएं नहीं लिखीं। उधऱ, बीएमसी के एक सीनियर डॉक्टर का कहना है कि गाइडलाइन में कोमोरबिडिटी (गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों) के बारे में कोई बात नहीं की गई है। एक अन्य चिकित्सक का कहना है कि रेगुलर डॉक्टरों में इसे लेकर संशय पैदा हो रहा है। वो आईसीएमआर की गाइड लाइन मानें या फिर हेल्थ मिनिस्ट्री की?

नई गाइड लाइन के मुताबिक, जिन मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आते या हल्के लक्षण हैं, उन्हें किसी तरह की दवाइयां लेने की जरूरत नहीं है। दूसरी बीमारियों की दवाएं जारी रखने की बात इसमें की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी कोरोना का खतरा पूरी तरह से नहीं टला है। सभी को मास्क का उपयोग करना चाहिए। साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। इसमें पौष्टिक आहार पर भी जोर दिया गया है, जिससे कम दवाओं का सेवन कर मरीज ठीक हो सकें।

नई लिस्ट में कई दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। मंत्रालय ने कोरोना उपचार में दी जाने वाली आइवरमेक्टिन, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, जिंक, मल्‍टीविटामिन समेत अन्य दवाओं पर रोक लगा दी है। डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) की नई गाइडलाइंस के तहत एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं सभी दवाओं को लिस्ट से हटा दिया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि ऐसे संक्रमितों को दूसरे टेस्ट करवाने की जरूरत भी नहीं है।

डीजीएचएस ने बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए नई संशोधित गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत अब कोरोना मरीजों के लिए हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्‍सीसाइक्लिन, जिंक, मल्‍टीविटामिन समेत अन्य दवाओं को बंद कर दिया गया है। ऐसे में मरीजों को बुखार होने पर सिर्फ एंटीपाइरेटिक और जुखाम होने पर एंटीट्यूसिव दी जाएगी। इसके अलावा गाइडलाइन में साफ किया गया कि बिना ठोस वजह के किसी को भी सीटी स्कैन करवाने के लिए ना भेजा जाए।

रेमडेसिविर दवा को लेकर सरकार ने कहा कि इसका इस्तेमाल सिर्फ अस्पताल में भर्ती मध्यम या गंभीर मरीजों के इलाज में शुरुआत के 10 दिनों के भीतर दिया जाना चाहिए है। इसी के साथ, स्टेरॉयड के इस्तेमाल लिए नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल सही वक्त पर, सही डोज में और सही मियाद के लिए किया जाना चाहिए। बिना एक्सपर्ट्स की सलाह के स्टेरॉयड दवा लेने से बचना चाहिए।